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________________ दुकान प्रश्न : मालिक के कमरे का द्वार किधर होना चाहिए? उत्तर : पूर्व, उत्तर या पूर्व, उत्तर ईशान में द्वार हों। आग्नेय, नैऋत्य और वायव्य में द्वार न हों। प्रश्नः अगर दुकान के दो शटर हों, तो किसे खोलना और किसे बंद रखना चाहिए? उत्तर : पूर्व के भाग की ईशानी शटर को खुला रखना चाहिए। आग्नेय के शटर को बंद रखना चाहिए; या नहीं, तो दोनों खुला रख सकते हैं। ईशान्य शटर को बंद कर के कभी भी आग्नेय के शटर को नहीं खोलना चाहिए। अगर खोलें भी, उस राह से चलना नहीं चाहिए। राह बंद करने के लिए पार्टीशन बनाएं, या बोरी, या बेंच आडे रखने चाहिएं। प्रश्न : दक्षिण मुख्य द्वार वाला दुकान हो, तो कौन सा शटर बंद किया जाए? उत्तर : आग्नेय का शटर खोल कर नैत्य बंद WWW.AL करना चाहिए; या दोनों को खुला रखें। परंतु नैर्ऋत्य शटर को खोल कर आग्नेय वाला कभी भी बंद नहीं दुकान रखना चाहिए। अगर खोलें भी, उधर रुकावट डाल कर चलना बंद करें। प्रश्न : उत्तरी दरवाजा वाले दुकानदार किधर बैठे तो अच्छा है? उत्तर : दुकान की फर्श पर दक्षिण से उत्तर को और पश्चिम से पूर्व को ढलान बनवा कर, वायव्य में उत्तरीय दीवार से परे, पश्चिम दीवार से लगे हुए चबूतरे पर, या कुर्सी पर अथवा नीचे भी बैठ कर व्यापार चला सकते हैं। तिजोरी बायीं ओर रख लें। अगर पूर्व की ओर बैठना चाहें, तो गल्ले (Cash Box) को दायीं ओर रखना होगा। प्रश्न : क्या अपने घर के ईशान, आग्नेय, नैऋत्य और वायव्य में दुकान लगा कर स्वयं व्यापार कर सकते हैं? 64 http://www.Apnihindi.com
SR No.010000
Book TitleSaral Vastu
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages97
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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