SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रश्न : घर के कौन से द्वार शुभदायक हैं और क्यों? उत्तर : पूर्व का द्वार शुभदायक है। दक्षिण- आग्नेय द्वार घर की स्त्रियों के लिए अच्छा कहा गया है। दक्षिण द्वार गृहस्थ के लिए शुभकर है। पश्चिम द्वार क्षेमदायक है। पश्चिम-वायव्य द्वार अनेक शुभप्रदाता हैं। उत्तर द्वार प्रगतिकारक होता है। उत्तर-ईशान्य देव कृपा और सौभाग्य देता है। पूर्व-ईशान द्वार संतान वृद्धि करता है और कीर्ति को चार चांद लगा देता है। ठ प्रश्न : मुख्य द्वार किसे कहते हैं? उत्तर : मुख्य द्वार चारदीवारी में जुड़ा हुआ नहीं होता। चारदीवारी के पश्चात् घर में प्रवेश करने वाले प्रथम प्रवेश द्वार को ही मुख्य द्वार, प्रधान द्वार, या सिंह द्वार कहते हैं। यह घर के अन्य द्वारों की अपेक्षा ज्यादा बड़ा, ज्यादा मजबूत एवं आकर्षक होता है। मुख्य प्रवेश द्वार सही होने पर पूरा घर सही हो जाता है। प्रश्न : मुख्य द्वार के बारे में किस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए? IP DE उत्तर : मुख्य प्रवेश द्वार पर मंगलकारी चिह्न, स्वस्तिक, घंटियां, शंख, कौड़ी, ओंकार, तोरण, गणपति, दीप प्रकोष्ठ इत्यादि होने चाहिएं। यह द्वार मनुष्य की औसत लंबाई से एक फुट ऊंचा होना चाहिए। इस पर किसी प्रकार का 'वेध' नहीं होना चाहिए। यदि वेध होता हो, तो उसका उपाय कर लेना चाहिए। प्रश्न : कौन से द्वार अशुभ फलदायक हैं? उत्तर : पूर्व आग्नेय द्वार चोरों और आग को भड़काता है; बीमारी लाता है। दक्षिण नैऋत्य द्वार घर की स्त्रियों को बीमार करता है। पश्चिम नैऋत्य द्वार पुरुषों के प्राणों 28 http://www.Apnihindi.com
SR No.010000
Book TitleSaral Vastu
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages97
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy