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________________ - आस्था की ओर बढ़ते कदम कुप्प गांव हमारे पूज्नीय क्रांतिकारी आचार्य श्री विमल मुनि जी महाराज का जन्म स्थान है। आचार्य श्री शास्त्रों के मर्मज्ञ प्रवचन भूषण सरलात्मा हैं। उन्होंने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व जम्मू कश्मीर में संस्थाओं का जाल विछा दिया है। उन्होंने अपने जन्म स्थान सन्मति नगर में तब हाई स्कूल का निर्माण किया, जव मीलों तक सरकारी स्कूल नहीं था। स्कूलों के अतिरिक्त आप गायन कला में प्रवीण हैं। अनेकों पुस्तकों की रचना आप ने की है। कुप्प में अंव संस्थाओं का जाल विछा दिया है। ग्रामीण जनता तक आप ने भगवान महावीर के संदेशों से जनसाधारण को जोड़ा है। आप ने हजारों लोगों को जैन धर्म में दीक्षित किया। पंजाव की राजनीति में आप की अलग पहचान है। आप का जन्म इसी धरती पर १६२४ में ब्राह्मण श्री देवराज व माता श्री गंगा देवी के यहां हुआ। फिर श्री जगदीश चन्द्र जी महाराज से संयम ग्रहण किया। इन्हीं आचार्य ने अपने स्कूल के एक समारोह में पंजाव के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह को निमन्त्रण दिया। इस समारों. में मालेरकोटला की विधायका श्रीमती साज़िदा वेगम भी पधारी थी। हम दोनों ने एक मैमोरेंडम समिति के लैटर पैड पर तैयार किया। इस मांग पत्र के बारे में पहले हमारी बात आचार्य श्री विमलमुनि जी महाराज से वात हो गई थी। स्टेज पर मुख्य मंत्री ज्ञानी जैल सिंह विराजमान थे। हम ने वहीं मांग पत्र ज्ञानी जी को भेंट किया। ज्ञानी जी ने उसी समय हमारे मांग पत्र को पढ़ना शुरू किया। एक लाल पैंसिल से हमारे पत्र को अंडर लाईन किया। बाद में आचार्य श्री ने अपने प्रवचन में हमारी मांग पर पूरा जोर दिया। समारोह समाप्त हुआ। ज्ञानी जी से हमारी भेंट अलग से हुई। महाराज श्री ने ज्ञानी जी को शीघ्र कमेटी की स्थापना करने की प्रेरणा दी। ज्ञानी जी ने इस 69
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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