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________________ - आस्था की ओर बढ़ते कदम करने का आदेश दिया। अणुव्रत के कारण भारतीय राजनीतिज्ञ आप से बहुत प्रभावित थे। भारत के उपराष्ट्रपति राधाकृष्णण ने आप को अभिव्रदन ग्रंथ भेंट किया था। ___वह अनुशासन प्रिय थे। एक बार अस्वस्थ अवस्था में उन्होंने आचार्य पद का भार मुनि नथ मल्ल ज को दिया। जो स्वयं प्रसिद्ध साहित्यकार, आगमज्ञ, ध्यानरच योगी हैं। आप उन्होंने ने स्वेच्छा से आचार्य पद त्याग दिया . ऐसा उदाहरण जैन इतिहास में कम ही मिलता है। उन्होंने धर्म प्रचार के सभी आधुनिक साधनों का उपयोग संयम में रहते हुए किया। आचार्य तुलसी एक महान प्रभावक आचार्य थे, ऐसा आचार्य कभी कभी पैदा होता है। मुझे भी आप के दर्शन कई वार करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनका विशाल शिष्य परिवार था। उनका धर्म संघ आज्ञाकारी है। उनक.. अनुशासन कटोर था। उनके राजनेताओं से मधुर संबंध थे. समाचार पत्रों में अपने साक्षातकारों के कारण समाचार पत्र में छाए रहते थे। आप के समय तेरापंथ का व्यापक प्रचार जो पंजाव में हुआ, उनके प्रयत्नों का फल था। उनके शिष्यों ने उनकी आज्ञा को प्रभु की आज्ञा माना। वह आचार्य तुलसी का जीवन बहुआयामी व पूर्ण था। उनका व्यक्ति र स्थान पर अपनी छाप छोड़ गया है। मुझे अनेकों बार आप से वात करने का सुअवसर मिला है। वह मेरे व मेरे धर्मभ्राता रविन्द्र जैन के साहित्यक कायों का सम्मान करते थे। उन्होंने श्री उतराध्ययन सूत्र के पंजावी अनुवाद को अपना आर्शीवाद दिया। आपने नेपाल, आसाम, कर्नाटक, तेलंगाना, उड़ीसा, विहार, गुजरात, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, आंध्रा, तामिलनाडू. में धर्म ध्वज फहराया। आपने समस्त भारतवर्ष के अतिरिक्त 39
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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