SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 209
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 3 -आस्था की ओर बढ़ते कदम . माता ज्ञानमति अभिनंदन ग्रंथ में हमारा पंजाबी भाषा में उनके जीवन से संबंधित लेख प्रकाशित हुआ था। जिसमें उनके उनका जीवनी व कृतियों का वर्णन है। साथ में उन्होंने जिन तीथों का जीणोद्धार किया अथवा नए तीथों का निर्माण किया है, उसका विवेचन किया गया है। उपप्रवर्तनी श्री स्वर्णकांता जी महाराज ५ : गुरुणी जी के पंजाबी विश्वविद्यालय पधारने पर उनके जीवन व व्यक्तित्व पर पंजाबी में एक परिचय पुस्तक लिखी थी, जो लोगों में वांटी गई थी। आचार्य श्री आत्मा राम जी महाराज ६ : आचार्य श्री आत्मा राम जी महाराज भाषण माला के अंतरगत उनका परिचय हमारे द्वारा पंजाबी में प्रकाशित हुआ था, जो गुरूणी जी के पंजाबी विश्वविद्यालय पधारने पर वांटा गया था। यह पुस्तिका भाषण में आए श्रोताओं में वांटी गई। उर्तारध लोंका गच्छ की जैन साध्वीयां ७ : जैन धर्म में ८४ गच्छ श्वेताम्बर समाज के माने जाते है। इनमें एक क्रान्तिकारी गच्छ का नाम लोंकाशाह द्वारा गठित लोकगच्छ है। इस की उत्पति गुजरात में मानी जाती है। इस गच्छ को कई शाखाएं हैं। जिस गच्छ ने पंजाब में जैन धर्म का प्रचार किया, उस का नाम उरिथ लोंकागच्छ है। इस लोंकागच्छ की साध्वीयों की प्राचीन परम्परा का उल्लेख इस पुस्तक के माध्यम से करने की चेष्टा की गई है। जैन साध्वी परम्परा भगवान ऋषभ देव से भगवान महावीर तक चली। प्रभु महावीर के निर्वाण के बाद साध्वी परम्परा का व्यवस्थित ढंग से इतिहास नहीं मिलता। फिर भी 205
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy