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________________ आस्था की ओर बढ़ते कदम मांडवला के माध्यम से इस मन्दिर को भेंट की हैं। अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के वाईस चेयरमैन : 1 मैं पंजाव प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ट का उप-सभापति रह चुका हूं। मेरा शुरू से विश्वास रहा है कि जैन धर्म एक अल्पसंख्यक धर्म है। गिनती में कम है कम का कम के रूप में मान्यता न देना अपराध है । हमारे नेता जो संविधान के प्रति आस्था रखने की प्रतिज्ञा करते हैं पर संविधान का पालन ५२ सालों में नही कर पाए । संविधान की धारा २५ ( ४ ) में जैन, वौद्ध व सिक्खों को अल्प संख्यक माना गया है। उनके विशेष अधिकार निश्चित हैं। वह अपनी संस्थाएं अपनी आस्था के अनुसार चला सकते हैं। पर एक विशेष राजनैतिक दल में अधिकारी जैन होने के कारण यह मांग दवा दी गई। पूर्व समाज भलाई मंत्री श्री रामूवालीया मंत्री व अल्पसंख्यक आयोग जव जैनों को यह अधिकार देने को तैयार हुए तो एक राजनैतिक पार्टी ने इस वात का विरोध किया कि हम हिन्दू समाज का अंग हैं। हमें यह दर्जा नहीं लेना । सरकार ने समझ लिया कि जैन लोगों का कोई राजनैतिक संगठन नहीं। इस लिए इस मांग को ठण्डे बस्ते में डाल रखा है। पर अब जब जैनों पर जालोर, पाली में जुल्म हुए, उनके मकान तोड़े गए, मुर्तियां तोड़ी गई तो जैनों की नींद खुली अब विरोध करने वाली पार्टियां भी दवी जुवान से जैनों की मांग इस का समर्थन करती है। मुझे शुरू से कांग्रेस से लगाव रहा है। इस चुनाव में चौधरी अब्दुल गुफार चेयरमैन ने प्रमुख भाग लिया। मैं वाईस चेयरमैन वना । कांग्रेस के दिल्ली कांग्रेस हैड-क्वटर पर जाने का सौभाग्य मिला। अल्प संख्यकों पर इस वर्ष अलवर में जुल्म हुए। ईसाई मिशनरी डाक्टर को जिंदा जला दिया गया। शांति 117
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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