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________________ - आस्था की ओर बढ़ते कदम का निर्माण करवाया है। साली श्री स्वर्ण कांता के गुरू भक्त इसमें सम्पूर्ण रूप से सहयोग दिया। यह भवन उसी समय तैयार हो गया था जब हमारी गुरूणी बीमार थीं। उनकी शिष्याएं साध्वी गुरूणी सुधा ज महाराज व साध्वी राजकुमारी जी महाराज का आर्शीवाद ८ सहयोग हमें इस संदर्भ में मिलता रहा है। इस भव्य भवन में हमारे परिवार का भी कुछ सहयोग रहा है। इसी संदर्भ में साध्वी श्री महिमा श्री के नाम का उल्लेख करना जरूरी है। व्ह मालेरकोटला में तीधंकर साधना केन्द्र की संचालिका हैं। उन्होंने अनेकों बच्चों को जैन धर्म पढाया है। उन्होंने मेरा लम्मान पर्दूषण पर्व पर जैन समाज रत्न से किया। उनके इस केन्द्र निर्माण में मेरे धर्मभ्राता श्री रविन्द्र जैन का भी सहयोग रहा है। शुरू से वहां भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान करने का भाव था। इसी बात को ध्यान में रख कर इसी वर्ष उन्होंने एक दर्शनीय जैन मंदिर का निर्माः किया। इस के समारोह में मुझे मुख्य अतिथि घोषित किया गया। प्रतिमा के नीचे मुझे निर्देशक लिख कर सम्मानित किया गया। जीवन में प्रथम वार मैंने जिन प्रतिमा के १८ अभिषेक देखे। इतना भव्य समारोह पहले कभी साध्वी जी के यहां नहीं हुआ थ। वाहर से लोग आये। अभिषेक पूजा श्री महेन्द्र जैन मस्त देव दर्शन धूप समाना वालों ने करवाई। बाद में स्नात्र पूजा में मैंने भाग लिया। __ इस प्रकार २६वीं महावीर जन्म कल्याणक पर राज्य स्तरीय समारोह लुधियाना में हुआ। जिस में दूसरी बार समस्त जैन समाज इकट्ठा हुआ। मुख्यमंत्री पंजाव ने अढाई करोड़ रूपए भगवान महावीर स्मारक के लिए घोषित किए जो उन्होंने शीघ्र ही समिति को सौंप दिए। इन रूपयों से 110
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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