SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 101
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - Rथा की ओर बढ़ते कदम समाचार पत्रों ने स्थान दिया। जैन चेयर की स्थापना से हमारा जैन समाज में अनोखा स्थान बन गया। इस का कारण यह था कि हम दोने की आयु सभी कार्यकर्ताओं से कम थी। अब हम दोनों डा० भट्ट का परिचय जैन समाज के प्रमुख मुनियों, आचायों, उपाध्याय, साधु, साध्वियों से करवाया। ___ गुजरात में जन्मे डा० भट्ट ने जैन धर्म निक्षेप सिद्धांत पर विदेशों में रह कर कार्य किया है। उन के माध्यम से पता ला कि विदेशों में जैन धर्म पर दो सदीयों से काफी कार्य हुआ है। यह शोध कार्य अंग्रजी से पहले का है। इस का कारण जर्मन भाषा व संस्कृत में शोध कार्य काफी मात्रा में होता आया है। आज जर्मन के विश्वविद्यालयों में जैन धर्म, भाषा विज्ञान के रूप में पढाया जाता है। जर्मन में जैन धर्म पर शोध करने का ढंग अनुपम व प्रमाणित है। डा० भट्ट विद्वान होने के साथ साथ सामाजिक व्यक्ति भी हैं। उन्होंने सारे भारत के प्रमुख आचायों में अपनी पहचान, अपने शोध कार्य के माध्यम से वनाई है। जैन चेयर हमारी गतिविधियों का केन्द्र बन चुका था। इस चेयर के अंतर्गत हमने कई संस्थाओं का निर्माण किया था। इन का वर्णन करने से पहले मैं बताना चाहता हूं कि डा० भट्ट ने यूनिवर्सिटी में ३ दिन का समारोह “एन अनली जैनीज्म' पर रखा। सैंकड़ों विद्वान भारत के कोने कोने से पधारे थे। मुझे इसी समय वैशाल, जयपुर, अहमदावाद, पुणे, नलंदा, दिल्ली, वाराणसी, मेरट, मद्रास से पधारे प्रमुख जैन विद्वााने को मिलने का अवसर मिला। हमारे द्वारा उन्हें अपना पंजावी साहित्य भेंट किया गया। इस सम्मेलन में जो विद्वान नहीं आए थे उनके पेपर पढ़े गए। सभी पेपर किसी कारण प्रकाशित नहीं हो सके। पर हमारे जीवन में ऐसा 6
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy