SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 365
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अतीत व्यर्थ गँवाया है, समझो वह संभल गया, उसके जीवन में अपने आप वैराग्य घटित हो जाता है और वह कर्मों का क्षय करने के लिये सम्यक् साधना को स्वीकार कर लेता है। यह संसार असार तथा नश्वर है और आत्मा अविनश्वर है, उसका कभी नाश नहीं होता। यह सुनकर उस व्यक्ति को संसार से वैराग्य हो गया और उसने मनिदीक्षा धारण कर ली। किसी ने सफेद बाल देखकर, किसी ने मुर्दे को देखकर, किसी ने वृद्ध को देखकर वैराग्य को धारण कर लिया। जिसकी आत्मा में अतीत का कोई पुण्य छिपा होता है, उसे वर्तमान में किसी घटना या निमित्त को पाकर संसार के क्षण भंगुरता का बोध हो जाता है और वह संसार, शरीर व भोगों से विरक्त हो जाता है। अनेक राजा आकाश में गिरते तारे को देखकर अथवा बादलों को देखकर संसार से विरक्त हुये हैं। महाराज हनुमान ने आकाश में तारा गिरता देखकर वैराग्य प्राप्त किया। आदिनाथ भगवान् ने नीलांजना देवी की देह की क्षणभंगुरता देखकर वैराग्य प्राप्त किया। नृत्य करते-करते नीलांजना का मृत्युक्षण आ गया और आदिनाथ भगवान् को नीलांजना के नृत्य ने संसार का सत्य स्वरूप दर्शा दिया। नीलांजना जैसी दिव्य काया भी एक क्षण में छाया में विलीन हो गई। धिक्कार है इस क्षणभंगुर जीवन को, धिक्कार है बर्फ के समान पिघलते यौवन को, धिक्कार है इन्द्रधनुष के समान मिटते सौन्दर्य को। उन्होंने 83 लाख पूर्व वर्ष तक भोगे दिव्य भोगों को एकक्षण में त्याग दिया। __ शान्तिनाथ भगवान ने दर्पण में अपने दो रूप देखे और निकल पड़े अपने शाश्वत रूप को प्राप्त करने। पद्मप्रभु भगवान ने सांकल से बंधे हाथी को देखा और विचार किया कि इतना विशालकाय हाथी वासना के कारण जरा सी सांकल से बंध गया। मैं भी भगवान् बनने की शक्ति से सम्पन्न होते हुये भी भोगों की सांकल से बंधा हूँ। धिक्कार है मुझे और सन्यास धारण कर लिया। चन्द्रप्रभु भगवान् ने आकाश महल के विघटन को देखकर घरबार छोड़कर सन्यास धारण कर लिया। अरविन्द नाम के एक राजा ने बादलों को बिखरते देखकर वैराग्य प्राप्त किया। 10 3650
SR No.009993
Book TitleRatnatraya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages800
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy