SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 94
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद ड-शत्रु का विध्वसक, स्वर मातृका बीजो के सहयोगानुसार फलोत्पादक विध्वसक बीज जनक। च-अगहीन खण्ड शक्ति द्योतक का स्वर मातृका बीजो के अनुसार फलोत्पादक-उच्चाटन बीज का जनक । छ-छाया सूचक, माया बीज का सहयोगी बन्धनकारक, आप बोज का जनक, शक्ति का विध्वसक, पर मृदु कार्यो का साधक । ज-नूतन कार्यों का साधक, आधि व्याधि विनाशक शक्ति का सचारक, श्री बीजो का जनक। ज-स्तम्भक और मोहक बीजो का जनक. कार्य साधक, साधना का अवरोध माया वीज का जनक। ट-वह्नि बीज, आग्नेय कार्यो का प्रसारक और निस्तारक, अग्नि तत्व युक्त विध्वसक कार्यो का साधक। ठ-अशुभ सूचक बीजो का जनक, क्लिष्ट और कठोर कार्यों का साधक, मृदुल कार्यो का विनाशक, रोदन कर्ता, अशान्ति का जनक साक्षेप होने पर द्विगुरिणत शक्ति का विनाशक, वह्नि बीज। ड-शासन देवताओ की शक्ति का प्रस्फोटक, निकृष्ट कार्यो की सिद्धि के लिए अमोघ सयोग से पञ्चतत्वरूप बीजो का जनक, निकृष्ट आचार-विचार द्वारा साफल्योत्पादक अचेतन क्रिया साधक। ढ-निश्चल माया बीज का जनक, मारण बीजो मे प्रधान, शान्ति का विरोधी, शान्ति वर्धक। ण-शान्ति सूचक, प्राकाश बीजो मे प्रधान, ध्वसक बीजो का जनक, शक्ति का स्फोटक। त-आकर्षक बीज, शक्ति का आविष्कारक, कार्य साधक, सारस्वत बीजो के साथ सर्व सिद्धिदायक। थ-मगल साधक, लक्ष्मी बीजो का सहयोगी, स्वर मातृकाप्रो के साथ मिलने पर मोहक । द-कर्म नाश के लिए प्रधान बीज, आत्मशक्ति का प्रस्फोटक, वशीकरण बीजो का जनक। ध-श्री और क्ली बीजो का सहायक, सहयोगी के समान फलदाता, माया बीजों का जनक। न- आत्म सिद्धि का सूचक-जल तत्व का स्रष्टा, मुदुतर कार्यों का साधक, हितैषी आत्म नियन्ता।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy