SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद द्वितीय खंड ( पृष्ठ २५ से २४८) इस खण्ड मे WE ३७ aaaa V. स्वर और व्यंजनो के स्वरूप ४ स्वरो और व्यजनो की शक्ति V मन्त्र निर्माण के लिये बीजाक्षरो की आवश्यकता एव उत्पत्ति ध्वनि (उच्चार) के वर्ण, मन्त्र शास्त्रानसार, बीजाक्षरो का वर्णन बीजाक्षर मन्त्र IV रक्षा मन्त्र, रोग एव बन्दीखाना निवारण मन्त्र अग्नि निवारण मन्त्र V/ चोर, बैरी निवारण मन्त्र, चोर नाशन मत्र दुश्मन तथा भूत निवारण मन्त्र वाद जोतन मन्त्र, विद्या प्राप्ति मन्त्र, परदेश लाभ मन्त्र शुभाशुभ कहन मत्र, (बाग्बल मत्र) V मन चिन्ता, द्रव्य प्राप्ति मन्त्र, सर्व सिद्धि मत्र V आत्म रक्षा महासकलीकरण मन्त्र तथा सर्व कार्य साधक मन्त्र IV जाप्य मन्त्र, / सूर्य मन्त्र का खुलासा V शाति मन्त्र, सर्व शाति मन्त्र ८ विभिन्न रोगों व कष्टों के निवारण हेतु ५०८ मंत्र विधि सहित v भूत तन्त्र विधान ४० मन्त्र विधि सहित १४६ V कुरगिनी गारुडी विद्या १२ मन्त्र विधि सहित १५८ V शारदा दंडक विभिन्न १२० मन्त्र विधि सहित १६१ सहदेवी कल्प मन्त्र विधि सहित १८३ or Y U 6 dur . ।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy