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________________ पूज्य सभी प्राचार्यो व साधुवो के शुभाशीर्वाद के साथ-२ परमपूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज व श्री १०५ गणिनी आर्यिका विजयामती माताजी के शुभाशीर्वाद से हो सका है। इसके लिये हम सभी कृतज्ञ है और उनके चरणो मे नतमस्तक होकर शत-२ बार नमोस्तु अर्पित करते है। ग्रन्थमाला समिति के कार्यो मे यह बात विशेष उल्लेखनीय है कि यह ग्रन्थमाला समिति सभी प्राचार्यो साधुवो विशिष्ट विद्वानो, पत्रो के प्रकाशको, प्रकाशन खर्च मे सहयोग करने वाले सभी दातारो को सभी प्रकाशन व्यक्तिगत रूप से भेट करती है या मात्र डाक खर्च पर भिजवाती है । मुझे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है कि पाठकगण ग्रथमाला समिति द्वारा प्रकाशित ग्रन्थो का स्वाध्याय करके पूर्ण ज्ञानोपार्जन कर रहे है और आगे भी इस ग्रन्थमाला से जिन महत्वपूर्ण ग्रन्थो का प्रकाशन होगा उनसे पूर्ण लाभ उठा सकेगे और त्रुटियो के लिये क्षमा करेगे। शान्ति कुमार गंगवाल प्रकाशन सयोजक श्री दिगम्बर जैन कुन्थु विजय ग्रथमाला समिति, जयपुर (राज.) HAKTimes
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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