SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 449
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद ३८४ पानी में घोलकर वह पानी घर मे चारो कोनो मे छिडकने से व्यंतर देव सम्बन्धी दोष निवारण होता है । ऋद्धि, सिद्धि व समृद्धि का आगमन होता है। प्रतिकूल तात्रिक व मान्त्रिक प्रभावो को नष्ट करता है। यंत्रों का प्राकार स्तभन कर्मार्थ - चौकोर यन्त्र बनावे । उच्चाटनार्थ - षट् कोण विद्वेषण - त्रिकोण वशीकरण - कमलाकर शान्ति - गोलाकार (चौसठ यो० विधि समाप्त) विद्या आने का यंत्र ७७ ७६ । ७६ इस यन्त्र को शुक्ल पक्ष मे प्रत्येक दिन कासी की थाली मे केशर से लिखकर उस थाली ___ मे खीर डालकर यन्त्र को धोवे, उस खीर को खावे तो ज्ञान की वृद्धि होती है। चोत्रीसिया यंत्र कल्प अव चौत्रीस के जन्त्र मन्त्र का व्यौरा :१. आदि भवन चौत्रीस भराय, आदर रक्षा बहुत बढाय ॥ १ ॥
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy