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________________ गरगधराचार्य श्री की जीवन झाँकी पिता का नाम-पण्डित रेवाचन्द्रजी. माता का नाम-श्रीमती सोहनी देवी जी, जन्म तारीख एवं मिति-१-६-१९४७ ज्येष्ठ शुक्ला १३ वि० स० २००३, जन्म स्थान-ग्राम बडा बाठेडा । (जिला उदयपुर) राजस्थान, जन्म का नाम-कन्हैयालालजी, भाई-एक, बहिन-तीन, शिक्षा-घर मे ही पूज्य पिता श्री से, मातृ भाषा-हिन्दी, ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण-श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र पावागढ मे विराजमान चितामणि पार्श्वनाथ भगवान के श्री चरणो मे, शुद्र जल त्याग-परमपूज्य श्री १०८ प्राचार्य सीमन्धर सागरजी महाराज एव सुबाहु सागरजी महाराज के श्री चरणों में, मुनि दीक्षा स्थान-श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र होम्बुज पद्मावती । (कर्नाटक) मुनि दीक्षा तारीख एवं मिति-६ जुलाई सन् १९६७ तदनुसार आसाढ सुदि २ रविवार विक्रम सवत २०२४, दीक्षा गुरु-परम पूज्य समाधि सम्राट तीर्थभक्त शिरोमणि श्री १०८ प्राचार्य प्रवर महावीर कीर्तिजी महाराज, गरणघर पद-परमपूज्य श्री १०८ प्राचार्य महावीर कीतिजी महाराज द्वारा दिनाक ६-१-१९७२ तदनुसार माघ सूदि पष्ठी को महसाना (गुजरात) में प्रदान किया गया। माचार्य पद-परमपज्य श्री १०८ प्राचार्य सन्मार्ग दिवाकर, निमित्तज्ञान शिरोमणि विमल सागरजी महाराज की आज्ञानुसार दिनाक १९-११-८० को अकलून (सोल्हापुर, महाराष्ट्र) मे प्रदान किया गया। पारा नगर (बिहार) मे अतिशय परम पूज्य श्री १०८ गणधराचार्य कुन्थु सागरजी महाराज के सघ का वर्ष १६८८ का वयोग प्रारा नगर (बिहार) मे हया था। वर्षायोग मे गणघराचार्य महाराज के ग्राहार के उपरान्त चरण कमलो के चिह्न कई श्रावको के घरो पर अकित हए है जो आपकी उत्कृष्ट तपस्या का साक्ष प्रमाण है।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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