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________________ लघुविद्यानुवाद २३३ २१ बार मन्त्रित करके प्रात उस गोली को खावे, इस प्रकार ३६० दिन मे ३६० गोली खावे तो महान विद्यावान हो । किन्तु खट्टा खारा नही खावे । प्रतिदिन स्मरण करने से बुद्धि का वैभव बढता है। द्वितीय विधि :-इस मन्त्र को कासी की थाली मे लिखे सुगन्धित द्रव्यो से, फिर सुगन्धित पुष्पो से १००८ वार मन्त्र का जप करे, शरद पूर्णिमा के दिन मेवा की खीर बनाकर रखे। दूसरे दिन वही मेवा की खीर खावे और कुछ नही खावे, तो सरस्वती प्रसन्न रहे। बुद्धि प्रबल होती है। यह प्रयोग शरद पूर्णिमा के दिन करे। जप सुगन्धित पुष्पो से करे। । शांतिमन्त्र लघु । मन्त्र :--ॐ ह्रीं श्री शांति नाथाय जगत् शांति कराय सर्वोपद्रवशांति कुरु २ ही नमः स्वाहा। विधि :-इस मन्त्र का जाति पुष्प से नित्य ही १०८ बार जप करने से सर्व मनो वाछित प्राप्त होता है। शांति मन्त्र मन्त्र .--ॐ नमोऽहंते भगवते श्री शांति नाथाय सकल विघ्न हराय ॐहां हीं हह्रौ ह्रः असि आ उ सा अमुकस्य सर्वोपद्रव शांति लक्ष्मी लाभं च करु २ नमः (स्वाहा) विधि :-इस मन्त्र का सोलह दिन मे १६००० जप करके दशास होम करे, शुक्ल पक्ष के पखवाडे मे १६ दिन का जो पखवाडा हो उसमे प्रत्येक दिन १००० जप सुगन्धित पूष्पो से करे जो कार्य की सिद्धि हो। उपसर्ग, उपद्रव, सर्व दूर हो, सर्व शाति होती है। लक्ष्मी लाभ, यश लाभ होता है। नवग्रह जाप्य १. रवि महाग्रह मन्त्र ॐ नमोऽहते भगवते श्रीमते पद्मप्रभतीर्थकराय कुसुलयक्ष मनोवेगा यक्षी सहिताय ॐ प्रॉ कों ह्रीं ह्रः आदित्यमहाग्रह ( मम कुटुबवर्गस्य ) सर्व
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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