SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 120
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लघुविद्यानुवाद मन्त्र :-ॐ पार्श्वनाथाय ह्री। विधि :-इस मन्त्र का १ लाख बार जप करने से मन्त्र सिद्ध होता है। इस मन्त्र का दस दिन तक प्रयत्नपूर्वक आराधना करने से स्त्री, पुरुष, राजा आदि वश मे होते है। पथभ्रष्ट होने वाला मनुष्य दस दिन तक प्रतिदिन १-१ हजार जप करे तो जल्दी से ही पद की प्राप्ति पुनः होती है। मन्त्र :-ॐ ऑ ह्रॉ क्ष्वी ॐ ह्री। विधि -चन्द्रग्रहण ग्रहण मे या दीवालो के दिन इस मन्त्र को सिद्ध करने के लिए साधक को देवे। इस मन्त्र को शुद्धता से ब्रह्मचर्यपूर्वक ६ महीने तक प्रतिदिन एक हजार (१ हजार) बार जाप करने वाले को ये मन्त्र सिद्ध होता है। मन्त्र के प्रभाव से साधक को राजा, उन्मत्त हाथी, घोड़ा, सर्व जगत के प्राणी वश मे होते है। सर्व कार्य को सिद्धि होती है। मन्त्र -(ॐ ह्री श्री कलि कुण्डदण्डाय ह्री नम ।) विधि :-पार ति के सामने सोने की कटोरी मे १२००० (१२ हजार) जाइ के फल से इस मन्त्र का जप करे। मन्त्र सिद्ध हो जाने के बाद मनोवाछित कार्य की सिद्धि होती है । मन्त्र के प्रभाव से भूत पिशाच, राक्षस डाकिनी, शाकिणी इत्यादि सामने ही नही प्राते, बाधा देने को तो अलग बात रहा । मन्त्र के प्रभाव से यूद्ध, सर्प, चोर, अग्नि, पानी, सिह, हाथी इत्यादि बाधा नही पहुँचा सकते है। मन्त्र के प्रभाव से सन्तान की प्राप्ति होवे, वध्या गर्भ धारण करे, जिसकी सन्तान पैदा होते ही मरती होवे तो जीने लगे, कीर्ति की प्राप्ति, लक्ष्मी की प्राप्ति, राज्य-सौभाग्य की प्राप्ति होती है, देवागनाये सेवा मे हाजिर रहती है । ऐसा इस विद्या का प्रभाव है । मन्त्र .-ॐ नमो भगवति शिव चक्र मालिनी स्वाहा । विधि -पुष्प नक्षत्र, सप्तमी या शनिवार के दिन या रवि पुष्पामृत मे, पहले दन निमन्त्रणपूर्वक दसरे दिन अपनी छाया बचा के, सफेद आकडे की जड को लाकर पावं प्रभ की प्रतिमा बनावे, फिर उपर्युक्त मन्त्र से मूर्ति की प्रतिष्ठा करके इसी मन्त्र से मूर्ति को पूजा करे, तो जो-जो कार्य साधक विचारे वह सर्व कार्य साधक के चितन मात्र से ही होते है। न्यायालय वगेरह के विवाद मे, धान्य सग्रह मे, सब मे विजय प्राप्ति होती है। मन्त्र -ॐ ह्री ला ह्रा प लक्ष्मी झ्वी क्ष्वी खु कु हस स्वाहा । विधि :-इस मन्त्र का विधिपूर्वक जाइ के फूलो से १३००० (तेरह हजार) जाप तीन दिन मे करे तो यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । इस मन्त्र को सिद्ध करने के लिए स्वय शुद्ध होकर विलेपन लगाकर, सफेद वस्त्र पहन कर, अम्बिकादेवी की मूर्ति को स्नान कराकर, पंचामृत से पूजा करे, फिर देवीजी के सामने बैठकर भक्तिपूर्वक उपवास करके मन्त्र सिद्ध करे तो तीन दिन मे मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। फिर मन्त्र के प्रभाव से भूत, भविष्यन
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy