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________________ श्लोक ११-१४ १५-२२ ४-५ ६-८ १२-१८ १९ -[२०] यत्र संख्या यंत्रका नाम ___ अध्याय २३- दिव्य वस्तु स्तम्भक यंत्र २४- सेना स्तम्भक यंत्र २५- इष्टांगलाकर्षण यत्र प्रथम २६- इष्टांगनाकर्षण यत्र द्वितीय २७-खी आकर्षण यंत्र,तृतीय २८-स्त्री आकर्षण यंत्र चतुर्थ २९- स्त्री आकर्षण यत्र पचम ३०- बी आकर्षण यत्र षष्ठ ३१- दाहज्वर शांत करनेका यत्र ३२- वश्य यंत्र प्रथम ३३- बश्य यंत्र द्वितीय ३४- वश्य यंत्र तृतीय ३५- वश्य यंत्र चतुर्थ ३६- बश्य यंत्र पचम ३७- वश्य यंत्र षष्ठ (त्रैलोक्यक्षोभण यत्र) ३८- बी वशीकरण ध्यान ३९- ज्वर हरण यंत्र ४०- दीपक निमित्त सुन्दरी यंत्र ४१- ग्रह हरण यंत्र ४२- युद्ध में अर्द्धन्दुत्रिशूल चक्र प्रथम ४३- युद्ध अर्द्धन्दुत्रिशूल चक्र द्वितीय ४४- सपं विषरक्षक यंत्र ४५- सर्प निवारक यंत्र ४६- शिष्यको विद्या देनेका यंत्र ९-१० ११-१३ १४-१६ १८-१९ २०-२१ २७-२८ १९-२१ २४-२५ ३०-३१ ४१ ४४-४६
SR No.009990
Book TitleBhairav Padmavati Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMallishenacharya, Chandrashekhar Shastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages160
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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