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________________ [१८] गहपतिनेचयिकाति - ९ गहपतिमहासाली - ११२ गहपतीति - १६१ गतब्बबुद्धगुणायेव ५४ गारवोति २२६ गाविं - १३४ गिज्झकूटन्ति- १३१ गिद्धोति ६९ गिरिराजा - ७७ गिलानपच्चयो - १८१ गिलाना - २०७ गिहिभूतेन ११८ गिडिविनयो १२८ - - - गिहिविनयं - ११३ गिहिसोतापना ८५ गुणदीपिका- ७९ गुणानुसरणं - २०० गुळासवो - ११५ गूळ्हजिव्हा १०९ जातो - १९ गोकाणन्ति - २३ गोचरगामं - १, ४,२६,५१, ११२ गोतमन्ति - १३२ गोतमो - ५, ८, ९, १०, १३, १६, १८, ८१, ८७ गोतमोति - १५९, १७३ गोपुरट्टालकयुत्तं - ११२ गोमयपिण्डमत्तम्पि - ४८ गोमुत्तवता १४८ गोरक्ख - ४९ गोवीथीति - ४६ घ घनपथवियं - १४० घनस १८२ दीघनिकाये पाथिकवग्गट्ठकथा Jain Education International घरावासो१२१ घातितभावं - ९७ घानविज्ञेय्या - २८ च 18 चक्कपेय्यालतो - ७४ चक्करतनमत्थके- २९ चक्करतनं २९ चक्कलक्खणं - ९६ चक्कवत्तिराजा १४१ चक्कवत्तिसिरीविभवो - २९ चक्कवत्तिसुतं २६ चक्कवाळसमीपेन ४६ चक्कवाळेसु ९७ - चक्कवाळं ४४, ७३, ९३, १४५ - - चक्कानीति - २२३ चक्खायतनं १६२ चक्करणीति - ७२ चक्खुद्वारारम्मणे २०१ चक्खुनाति १८८ चक्खुपटिहननसमत्थतो - १६२ चक्खुपसादो १६७ चक्खुमा १३१ चक्रूपं १४७ - - - चक्वान्ति - १९७ चक्वणसङ्घातं १६२ चविञ्ञाणुप्पत्तिनिवारणेन ४४ - चक्युविय्या - २८. चक्दुसम्फस्सर्ज १६३ चक्नुसम्फस्सोति - १९७ चकमतीति - ४० चण्डालपुत्तो - १७ चतुक्कुण्डिकोति ४ चतुचत्तालीस ५२ - - - For Private & Personal Use Only - [घ-च] www.jainelibrary.org
SR No.009981
Book TitlePathikvaggatthakatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVipassana Research Institute Igatpuri
PublisherVipassana Research Institute Igatpuri
Publication Year1998
Total Pages326
LanguageSanskrit
ClassificationInterfaith & Buddhism
File Size11 MB
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