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________________ [२९] ५. कूटदन्तसुत्त एक समय भगवान भिक्षुओं के एक बड़े संघ के साथ मगध देश के खाणुमत ब्राह्मणग्राम में अम्बलविका में विहार करते थे। उस समय कटदन्त नाम का ब्राह्मण मगधराज बिम्बिसार द्वारा प्रदत्त खाणुमत का स्वामी होकर रहता था। भगवान के पास जा कर उसने कहा कि मैं एक महायज्ञ करना चाहता हूं, मैं सोलह परिष्कार-सहित त्रिविध यज्ञ-संपदा को नहीं जानता, मुझे इसका उपदेश करें । इस पर भगवान ने कहा कि पूर्वकाल में महाविजित नाम का एक अत्यंत वैभवशाली राजा था । वह भी पृथ्वीमंडल का शासक होकर एक महायज्ञ करना चाहता था। उसने अपने पुरोहित ब्राह्मण को बुलाया और उसे इस बारे में सीख देने के लिए कहा। पुरोहित ने राजा से कहा आपके राज्य में बहुत लूटमार होती है। पहले इसे शांत करना चाहिए। इसके लिए आप को कृषि एवं गो-रक्षा में उत्साह रखने वालों को बीज-भोजन, वाणिज्य में उत्साह रखने वालों को पूंजी, राजकार्य में उत्साह रखने वालों को भत्ता-वेतन देना चाहिए। इससे ये लोग अपने-अपने काम में लगे हुए आपके जनपद को सतायेंगे नहीं । आपको भी विपुल राशि प्राप्त होगी। आपका देश कंटक-रहित और क्षेम-युक्त हो जायेगा। राजा ने ऐसा ही किया और कालांतर में पुरोहित को बुला कर कहा कि मेरा देश कंटक-रहित और क्षेम-युक्त हो गया है। तब पुरोहित ने राजा को यज्ञ-संपदा के सोलह परिष्कारों के बारे में बतलाया - १.चार अनुमति-पक्ष : यज्ञ करने के बारे में राज्य के क्षत्रियों, अमात्यों, ब्राह्मण महाशालों तथा धनी वैश्यों की अनुमति प्राप्त करना । २.राजा के आठ गुण : सुजात, अभिरूप, शीलवान, सु-संपन्न, चतुरंगिणी सेना से युक्त, दानपति, बहुश्रुत तथा मेधावी होना । ३.पुरोहित के चार गुण : सुजात, त्रैविद्य, शीलवान तथा मेधावी होना । तत्पश्चात पुरोहित ने राजा को तीन विधियों का उपदेश दिया। उसने कहा कि यज्ञ करने से पहले, यज्ञ करते समय और यज्ञ कर चुकने पर यह ग्लानि नहीं होनी चाहिए कि एक बड़ी धनराशि व्यय हो जायेगी, व्यय हो रही है अथवा व्यय हो गयी। 39 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.009976
Book TitleDighnikayo Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVipassana Research Institute Igatpuri
PublisherVipassana Research Institute Igatpuri
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationInterfaith, Buddhism, R000, & R005
File Size13 MB
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