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________________ चींटियो मे और भी विचित्रताएँ है अनेक चीटियाँ केवल भोजन इकट्ठा करती हैं। वे इतना खाती हैं कि हिल-डुल भी नही पातीं । वे बिल में एक जगह लटकी रहती हैं। मजेदार बात तो यह है कि जरूरत पड़ने पर अन्य चींटियाँ इनके पेट से भोजन निकालकर खा लेती हैं। आप यह जानकर भी आश्चर्य करेंगे कि चीटियों बाकायदा बीज बोकर फसलें उगाती हैं । वे बिल के अदर कीड़े-मकोडो को गायो की तरह पालती हैं और उनसे दूध और शहद पाती हैं। यह भी रोचक बात है कि चीटियो के बिल मे झीगुर, मकडियाँ और अनेक प्रकार के कामचोर कोडे डटे रहते हैं और फोकट का भोजन उडाते रहते हैं। चीटियो के दो दलो मे मनुष्यो की भाँति बराबर युद्ध होता है । चीटियो को अनेक जातियाँ ऐसी है, जो अपनी ही जाति की चींटियो को खा जाती है। घने वनो मेचीटियो की दो से ढाई मीटर तक ऊँची बॉबियाँ देखने को मिल जाती हैं। आधुनिक भाषा मे आप चीटियो को मजदूर चीटी, इजीनियर चीटी, बॉडी गार्ड यानी अगरक्षक चींटियाँ, फूड लोडर अर्थात भोजन ढोनेवाली चींटियाँ आदि अनेक नामो से पुकार सकते है । चीटियाँ काफी व्यवस्थित एव अनुशासित जीवन बिताती है । 50 कोट पतगों को आश्चर्यजनक बातें Kich "Year
SR No.009966
Book TitleKeet Patango ki Ascharyajanak Baten
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnish Prakash
PublisherVidya Vihar
Publication Year1960
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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