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________________ जुगनुओं की सहायता से कीट लालटेन बनाई जाती है अफ्रीका के आदिवासी बॉस की सहायता से कीटो के लिए लालटेन बनाते हैं। उसमें वे जुगनुओ को पकडकर भर देते हैं। यह रात में प्रकाश देने का काम करता है। वहाँ जुगनुओ से लडकियाँ अपने बालों को सजाती हैं। जुगनू अपने शरीर में किस प्रकार रोशनी कर लेते हैं, यह एक रोचक विषय रहा है। वैज्ञानिको ने लूसी फेरिन और लूसीफरेज रसायन, जो जुगनू के शरीर में होता है, को निकालकर तथा रोशनी बनाकर तो देख लिया है, परतु वे उक्त रसायनो को कृत्रिम रूप से नहीं बना पाए हैं। बदलनी होगी मान्यता यदि आपकी यह मान्यता हो कि सभी कीट हानिप्रद होते हैं तो आपको अपनी यह मान्यता बदलनी होगी। रेशम और लाख का कीडा कितना उपयोगी है, यह आप जानते हैं। कीट 'परागण' का बहुत बड़ा दायित्व निभाते हैं। इनमें भौरा, मधुमक्खी, तितलियाँ और पतगे प्रमुख हैं। गुबरीले कीट भी ऐसा ही करते हैं। ये ऐसे स्थानो पर वनस्पति को 'परागण' करके पहुंचा चुके हैं, जहाँ किसी समय उसका नामोनिशान नहीं था। __ अनेक कीट तथा केंचुए आदि भूमि को खोद-खोदकर तथा नरम करके उपजाऊ बनाते हैं। ये मिट्टी के निचले भाग को ऊपर लाकर सूर्य की किरणों में तपाकर उसे और अधिक उपजाऊ तथा कीट-नाशक बनाते हैं। झीगुर ऐसा काम बडी मात्रा में करते हैं। ये भूमि मे उपस्थित पत्थर के कणो, लकडी के मल-पदार्थों आदि को पीसकर समाप्त कर देते हैं। शहद किसे अच्छा नहीं लगता ? यह मधुमक्खियो के कठोर परिश्रम का फल होता है। शहद आदिकाल की सबसे पुरानी मिठाई है। किसी समय शहद मिठाई के रूप में बॉटा व खिलाया जाता था। 240 कीट पतगों की आश्चर्यजनक बातें
SR No.009966
Book TitleKeet Patango ki Ascharyajanak Baten
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnish Prakash
PublisherVidya Vihar
Publication Year1960
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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