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________________ 256 स्वार्थी के टकराव से कैसे बचें? सुखी रहने के गुर सं. 1792 भोलयालो एक महत्त्वपूर्ण पत्र स्वर्गीय पूर्णचन्दजी नाहर संदेश रास का रचनाकाल सामायिक समभाव-साधना संयम संकुचित दृष्टि यानी गुणीजन नुं अनादर सामायिक विचार सद्वृत्तियों का जागरण सुकवि चन्द रचित भारत भास्कर सत्रहवीं शताब्दी की नगरकोट यात्रा का वर्णन सुख-शान्ति का राजमार्ग आवश्यकताओं को कम करो हिन्दू विश्व स्वा. स्मारिका जैन प्रकाश स्वाध्यायोपयोगी कतिपय ग्रंथ और मेरा अनुभव सामान्य और सरल जैन विवाह की आवश्यकता स्थानकवासी गेंडल शाखा के इतिहास सम्बन्धी एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ स्वाध्याय संघ महत्त्वपूर्ण संस्था जिसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता सबसे पहला कार्य सं. 1474 की भटनेर से मथुरा यात्रा सतियों के दो प्राचीन रास सम्यक्त्व कौमुदी सम्बन्धी अन्य रचनाएँ एवं श्री अगरचन्द नाहटा व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रकाशित मान प्रकाशित मान सुपात्र दान का फल संगीत सम्राट तानसेन के धुपद सिंहसुध निधि सिंह सिद्धान्त सिन्धु स्वाध्याय विकास विकास जैन भारती वनस्थली विजयानन्द स्वाध्याय का महत्व समन्वय का अद्भुत मार्ग अनेकान्त सप्त क्षेत्र रास का वर्णन विषय सुधर्मा आत्म रश्मि जैन सिद्धान्त जैन सिद्धान्त कुशल संदेश रामतीर्थ विशेष ज्ञातव्य स्वर्गीय चम्पालालजी सिंघई का स्वयं लिखित आत्मचरित्र साध्वी की वन्दनीयता सम्बन्धी एक क्रांतिकारी कदम साधु-साध्वियों के समाधि मरण पर शोक सभाएँ सम्मिलित परिवार प्रथा का विकास एवं उसके लाभ सप्त संधान सिद्धसेन दिवाकर कृत अष्टप्रकाशी आदि अज्ञात ग्रंथ वीर वाणी समस्त जैन श्रमण श्रमणी की संख्या जैन जगत ब्रज भारती हिन्दी अनुशीलन अनेकान्त कुशल निर्देश कुशल निर्देश म.प्र. संदेश म. प्र. संदेश म.प्र. संदेश अहिंसा वाणी अनेकान्त अनेकान्त 5 जून 1980 9 3 2 3 अप्रेल 69 20 - 9 1950 19811 63 26 14 15 13 जन 1981 ...... जुलाई 1962 35 18 सन्मति संदेश जैन भारती 30 वल्लभ संदेश 8 राजस्थानी 8 कादम्बिनी मार्च 72 12 33 10 10 1963 62 9-10 12 11 11 42 1-4 3 4 2 4 8-9 23 7 - 5 23 16 6 5 3 6 60 6 4 श्री अगरचन्द नाहटा द्वारा लिखित आलेखों की सूची सूत्रधार मण्डल विरचित रूप मंडल में जैन मूर्ति- लक्षण सन्त सुखसारण की भक्तमाल में भगवान ऋषभदेव का वर्णन समयसार आत्म- ख्याति व्याख्या की प्राचीनता सुकवि नरहरदास की प्रशंसा के चार दोहे सदयवत्स सावलिंगा की बात में कवि पृथ्वीराज राठौड़ का प्रसंग स्व. डॉ. वासुदेव शरणजी अग्रवाल के कुछ पत्र सस्तु साहित्यवर्धक कार्यालय सबके कल्याण में अपना कल्याण सुख एवं शान्ति का प्रशस्त मार्ग निस्पृहता सद्ग्रंथों का स्वाध्याय सत्संग है साम्प्रदायिकता के दो महान् दूषण-संकुचित दृष्टि और गुणीजन का अनादर संपत में लिछमी रो वासो सहिष्णुता सुरति मिश्र की अमर चन्द्रिका के अमरेश एवं रचनाकाल पर प्रकाश सौराष्ट्र के प्रभास तीर्थ में प्राप्त महाराजा रायसिंह का शिलालेख स्त्री शक्ति का विकास और सदुपयोग सर्वमान्य और सरल जैन विवाह विधान की आवश्यकता है स्वाभिमानी सुपियारदे का एक प्राचीन गीत सन्त साहित्य में जैन सन्तों का योगदान संस्कृत साहित्य और मुस्लिम शासक सोरठ-बीजा की लोकप्रियता संयमित बनिए सांवत्सरिक एकता सुख-दुःख में समभाव रखिए संकीर्तन से परम तत्त्व की प्राप्ति संत पीपाजी की वाणी संप्रति कालीन आहड़ के मन्दिर का जीर्णोद्धार स्तवन समस्त जैन साधु-साध्वियों की संख्या स्वतंत्रता के संदेशवाहक युग पुरुष-महावीर सुख-शान्ति का महत्त्वपूर्ण साधन- संतोष सुख रो जलूस स्वर्णाक्षरी उत्तराध्ययन सूत्र की प्रशस्ति अनेकान्त वीर वाणी वीर वाणी राज. भारती राज. भारती वरदा 1967 राष्ट्र भारती राष्ट्र भारती युग साधन युग साधन युग साधन मरु वाणी गीता संदेश विश्वम्भरा वैचारिकी युवा स्तम्भ युवा दृष्टि रंगयोग श्री अमर भारती कुशल निर्देश रंगायन श्रमणोपासक श्रमणोपासक बलदेव वन्दना संकीर्तनांक सुपथगा जून 68 श्रमण जैन जगत वीर उपासिका विजयानन्द ओलमो अहिंसा वाणी 19 29 34 7 8 10 1 1 3 4 2 1 5 8 2 1 मई 1980 संवत 2025 257 मई 1982 5 9 19-20 3-4 3 8 1 5 1-2 ...ded de བད་དེ་སྐྱསརྩ 3 1 6 9 8 12 2
SR No.009964
Book TitleAgarchand Nahata List of Articles
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages62
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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