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________________ श्री अगरचन्द नाहटा : व्यक्तित्व एवं कृतित्व झ झाणाज्झय या ध्यान शतक के रचयिता योगीश्वर नहीं जिनभद्र गणि क्षमाश्रमण हैं। झुंझनूं में रचित ब्रह्मरायमल्ल का नेमीश्वर रास । झुंझनूं सम्बन्धी कतिपय उल्लेख झुंझनूं में रचित अपभ्रंश काव्य रिठणेमि चरित्र झालावाड़ संग्रहालय के महत्त्वपूर्ण पाषाण झुंझनूं में रचित गुरुधर्म कुमार चौपाई झुंझनूं सम्बन्धी एक और प्राचीन उल्लेख झुंझनूं के जैन अभिलेख चार लाख श्लोकों का सार एक श्लोक में अहिंसा वाणी विश्वम्भरा विश्वम्भरा सरसरारंग अहिंसा याणी वरदा वरदा 14 10 10 वार्षिक श्री अगरचन्द नाहटा द्वारा लिखित आलेखों की सूची डा. नेमीचन्द ज्योतिषाचार्य मतानुसार अग्रवाल जैनोत्पत्ति अग्रपंथ डा. देवेन्द्रकुमार शास्त्री के लेख सम्बन्धी कतिपय संशोधन तीर्थंकर डा, रामकुमार गुप्त के शोध प्रबन्ध में जैन संबंधी वक्तव्य अहिंसा वाणी डिंगल का कृष्ण काय्य किसन किलोल मरु भारती डा. प्रेमसागर जैन की अविचार पूर्ण व अयुक्त टिप्पणी वीर वाणी डा. चिमनलाल माहेश्वरी के संशोधन प्रबंध में जैन धर्म सम्बन्धी वक्तव्य वीर वाणी डा. हरदेव बाहरी का ग्रंथ प्राकृत और उसका साहित्य श्रमण डूंगरपुर राज्य के दि. जैन प्रतिमा लेख जैन संदेश डूंगरपुर सम्बन्धी कुछ ज्ञातव्य बातें जैन संदेश वरदा जैन भारती टाई कलेक्शन की पृथ्वीराज रासो की महत्त्वपूर्ण प्रति अजन्ता टीकम कवि की चन्द्र हंस कथा अहिंसा वाणी टेकचन्द रचित श्रेणिक चरित्र सन्मति संदेश 13 ठक्कर फेरू और उसकी युगप्रधान चतुष्पादिका ठक्कर फेरू और उनके विशिष्ट ग्रंथ राज. भारती जर्नल ऑफ हरयाना स्टडीज द डोला-मारू चौपाई का रचनाकाल वैचारिकी त्रैमासिक 1 ढूंढाड़ी गद्य ग्रंथ-अमृत सागर मरु वाणी 13 बोला-मारू रा दूहा के अर्थ संशोधन पर विचार नागरी प्रचारिणी 66 बूंबाङ नाम की प्रसिद्धि का कारण अमर ज्योति 11 ण णमोकार मंत्र साहित्य : एक अनुशीलन तीर्थंकर णमो लोए सव्वं साहूणो सेवा समाज णमुक्कार मंत्र में परिवर्तन का अधिकार किसने दिया तेरापंथ भारती । णमो अरहताणं और णमो अरिहंताणं में मूल और प्राचीन पाठ कौनसा है? जैन दर्शन णमो अरहन्ताण या अरिहन्ताण? जैन संदेश 10 कथालोक सम्मेलन पत्रिका जैन भारती अहिंसा वाणी 18 श्रमण राज. भारती डामर दूत का वाक-चातुर्य डामर ब्राह्मण कृत वेणी वत्सराज रास डा. भार्गव का प्राचीन भारत में जैन धर्म संबंधी विवरण डा. भीखनलाल आत्रेय रचित जैन-दर्शन की नीति डा. गोविन्द त्रिगुणा कथा जैन दर्शन व संत कवि सम्बन्धी वक्तव्य डा. एल.पी. तैस्सीतोरी के अप्रकाशित पत्र डा. वासुदेव शरण का जैन साहित्यानुराग उनकी स्वयं की कलम से डूंगरपुर में रचित शकुन दीपिका चौपाई डा. दशरथ शर्मा के कुछ संस्मरण और पत्र डा. ब्रजेन्द्रनाथ शर्मा का एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ-जैन प्रतिमाएँ डूंगरपुर राज्य में हुगडो द्वारा निर्मित जैन मन्दिर डूंगरपुर राज्य के दि. जैन प्रतिमा लेख डूंगरपुर सम्बन्धी कतिपय उल्लेख राज. भारती वाग्वर विश्वम्भरा 1-2 तू तेरा संभाल, मूकी अन्य जंजाल अमणोपासक त्यागवीर भगवान महावीर विजयानंद तप के साथ संयम का मेल है श्री अमर भारती ती. पार्श्वनाथ भक्ति गंगा ग्रंथ के कतिपय संशोधन सन्मति संदेश तलघर में प्राप्त 180 जिन प्रतिमाएँ अनेकान्त तीर्थकर महावीर का समत्व-भाव सतरंगी चैमिल तुलसी रामायण के माहात्म्य संबंधी रचनाएँ राष्ट्र वाणी ताला जुडी की जैन प्रतिमा जैन जगत तपागच्छीय दयाकुशल को प्राप्त शाही फरमान जर्नल झोंक तरंगवती कुशल निर्देश तीन कथाएँ कुशल निर्देश १ 18 19 । 23 13 1976 8 9 7-8-9 तित्थपर वाश्वर वाग्वर वाग्वर 10
SR No.009964
Book TitleAgarchand Nahata List of Articles
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages62
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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