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________________ सनी कप 198 स्तंभन यंत्र बज्राकाराग्रेरेखानवककृतचतुःपष्टिकोष्टान् लिखित्वा । बा बिंदु त्रिदेहं तदनुलिखितदंतश्च लीन्तस्य वान्तः ॥ हा -ग्लौं दद्यान्नाम गर्म कुलिशयुगल विद्वततस्त 'द्वि दिक्षु । रान्तं वज्रान्तराले वलय तिमथत त्स्वेन मंत्रेण बाह्ये ॥ १६ ॥ SKE 6 अर्थ- बज्राकार रेखाओंके प्रत्येक ओर आठ२ कोठे बनाकर कुल चौंसठ कोठे बनावे। उनमेंसे प्रथम चारों ओर ॐ फिर ह्रीं फिर लीं और फिर भ लिखकर बीच स्थानमें दो बच्चों से बिंधे हुए नामको ग्लौंके अंदर बनाये । और उसकी विदिशाओं में ल लिख देवे। समस्त यंत्रके चारों ओर बाहर निम्न लिखित मंत्र लिख दे ॥ १६ ॥ आवेष्टन मंत्र "ॐ बज्रक्रोधाय ज्वलर ज्वालामालिनि ह्रीं झीं ब्लें द्रां श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रः देवदत्तस्य क्रोधं गतिं मतिं जिह्वांच हनर दहर पचर विध्वंसय २ उत्कृष्ट क्रोधाय स्वाहा ।" यंत्रभिदं भुवि पलके कुडचे भू विलिख्य तालेन । मंत्रेण पूजितं सत्कुर्य्यादयेप्सितं स्तंभं ॥ १७ ॥ अर्थ- इस यन्त्रको पृथ्वीपर कुड्य पर अथवा भोज पत्र पर ताल से लिखे। और मंत्रसे पूजन करनेसे इच्छानुसार स्तंभन होता है ॥ १७ ॥ षष्टम परिच्छेद । जिह्वा स्तम्भन यन्त्र नानः कोणेषु दत्वा ल मय परिवृतं वार्धिना बिंदु नाव्व । लं, बीजे ष्टितं तत्कुलिश वलयितं वेष्टितं व त्रयेण ॥ भूर्जे गौरोचना कुंकुम लिखितमतः कुम्भकाराग्रहस्तान् । मृत्स्नामादाय कृत्वा कृतिमयतदचत्रमास्ये निधाय ॥ १८ ॥ अर्थ- नामके कोनोंमें लं लिखकर उसको बिंदु सहित ब से वेष्टित करे। फिर उसके चारों ओर दो मंडल बनाकर पहिलेको, लं, बीजोंसे और दूसरेको तीन ठ, से भरे इस rashi भोजपत्र पर गौरोचन और कुकुमसे लिखे । फिर कुम्हारके हाथकी मिट्टी लाकर उसे अपने प्रत्यर्थिकी छोटीसी मूर्ति बनाकर उसके मुख यह यंत्र रख दे ॥ १८ ॥ परपुष्टका शराबय ॥ स्वस्तां प्रणिधाय सम्यगथ जंभे मोहिनी संधुजा ॥ स्वाहा मंत्र पदेन पीतकुसुमैरम्यर्च्य यातः पुमान् । प्रत्यर्थि व्यवहारिणो विजयते तजिह्नकाः स्तम्भयेत् ॥ १९ ॥ अर्थ-उस मूर्तिका मुख मजबूत काटोंसे चीरकर उसको दो मिट्टीके शराबोंमें रखकर निम्नलिखित मंत्रसे उसकी पीले पुष्पसे पूजा करता है। उसके विरोधी व्यवहारीका जिह्वा स्तम्भन हो जाता है
SR No.009957
Book TitleJwala Malini Kalpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shastri
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages101
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size109 MB
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