SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १) तत्सम शब्द : संस्कृत - प्राकृत समान ( तत्सम शब्द ) अहं अंजलि आगम इच्छा उत्तम ओंकार किंकर गण घंटा चित्त छल जल तिमिर धवल नीर परिमल बहु भार मरण रस लव वारि सुंदर हरि गच्छंति नमंति हरंति २) तद्भव शब्द : प्राकृत तद्भव शब्द अग्ग आरिय इट्ठ ईसा उग्गम कसिण संस्कृत शब्द अग्र आर्य इष्ट ईर्षा उद्गम कृष्ण हिंदी अर्थ मैं मूल ग्रन्थ, शास्त्र इच्छा उत्तम ओंकार नोकर समूह घंटा चित्त कपट पानी अंधकार शुभ्र पानी सुगंध बहुत बोझ मृत्यु रस अंश पानी सुंदर विष्णु, सिंह जाते हैं । नमन करते हैं । हरण करते हैं । हिंदी अर्थ प्रथम, मुख्य आदरणीय, कुलीन प्रिय मत्सर उत्पत्ति काला
SR No.009955
Book TitleJainology Parichaya 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2012
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size254 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy