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________________ भविष्यकाल (Future-Tense) जो घटनाएँ आगामी काल में होनेवाली हैं, उसके लिए हम भविष्यकालिक क्रियापदों का उपयोग करते हैं । भविष्यकाल के प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं - एक प्रकार इस्स' प्रत्यय से और दूसरा प्रकार 'इह' प्रत्यय से होता है पुरुष प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष (१) भविष्यकाल के प्रत्यय एकवचन इस्सामि, इस्सं इस्ससि इस्सइ अनेकवचन इस्सामो इस्सह इस्संति पुरुष प्रथम पुरुष सर्वनामसहित भविष्यकाल के क्रियारूप क्रियापद : भण (बोलना) एकवचन अनेकवचन (अहं) भणिस्सामि । (अहं) भणिस्सं। (अम्हे) भणिस्सामो । (मैं बोलूँगा ।) (हम बोलेंगे ।) (तुम) भणिस्ससि। (तुम्हे) भणिस्सह । (तू बोलेगा । तुम बोलोगे ।) (तुम सब बोलोगे ।) (सो) भणिस्सइ । (ते) भणिस्संति । (वह बोलेगा ।) (वे बोलेंगे ।) द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष पुरुष (२) भविष्यकाल के प्रत्यय एकवचन इहिमि, इहामि इहिसि इहिइ अनेकवचन इहिमो, इहामो प्रथम पुरुष द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष इहिह इहिंति पुरुष प्रथम पुरुष सर्वनामसहित भविष्यकाल के क्रियारूप क्रियापद : पाल (पालना) एकवचन अनेकवचन (अहं) पालिहिमि । (अहं) पालिहामि । (अम्हे) पालिहिमो । (अम्हे) पालिहामो । (मैं पालन करूँगा ।) (हम पालन करेंगे ।) (तुम) पालिहिसि । (तुम्हे) पालिहिह । (तू पालन करेगा । तुम पालन करोगे ।) (तुम सब पालन करेंगे ।) (सा) पालिहिइ । (ते) पालिहिंति । (वह पालन करेगी ।) (वे पालन करेंगी ।) द्वितीय पुरुष तृतीय पुरुष
SR No.009955
Book TitleJainology Parichaya 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2012
Total Pages47
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size254 KB
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