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________________ १२. ईश्वर जगत्कर्ता नहीं (जैनत्व की झाँकी - पाठ २४) १) विश्व के कौन-कौनसे धर्म ईश्वर को जगत् का कर्ता-धर्ता मानते हैं ? (एक वाक्य) २) विश्व के बारे में जैन-धर्म की क्या मान्यता है ? (एक वाक्य) ३) ईश्वर का अस्तित्व मानने पर कौनसी कठिनाई उपस्थित होती है ? (दो-तीन वाक्यों में शिक्षक लिखकर दें।) ४) जगत्-कर्ता ईश्वर निराकार मानने से कौनसी समस्या उत्पन्न होती है ? (दो-तीन वाक्य) ५) दुनिया के बारे में मुस्लीम-धर्म में क्या कहावत प्रचलित है ? (एक वाक्य) ६) ईश्वर ने अपनी इच्छा से जगत् बनाया', यह मानने में कौनसी समस्या है ? (एक वाक्य) ७) ईश्वर को दयालु मानने पर कौनसी कठिनाई उत्पन्न होती है ? (एक-दो वाक्य) ८) जैन दर्शन में प्रभु-भक्ति का क्या स्थान है ? (तीन-चार वाक्यों में शिक्षक लिखकर दे ।)
SR No.009952
Book TitleJainology Parichaya 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNalini Joshi
PublisherSanmati Tirth Prakashan Pune
Publication Year2009
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size137 KB
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