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________________ शास्त्रीय नय सामान्य १ ज्ञान अर्थ व शब्द नय, २ वस्तु के सामान्य व विशेष अंश ३. द्रव्याथिक नय सामान्य ४. सप्त नय सामान्य वस्तु के एक देश को ग्रहण करने वाला ज्ञान नय कहलाता है, १. ज्ञान अर्थ व ऐसा पहिले भली भाति समझाया जा चुका है । अब शब्द नय उस नय की विशेषताये तथा भेद प्रेम भेदो का विस्तार से कथन प्रारम्भ किया जाता है । वस्तु को जानना ज्ञान का लक्षण है, इसलिये जितने प्रकार की वस्तु होती है, उतनी ही प्रकार का ज्ञान भी होना चाहिये । जगत मे वस्तु तीन प्रकार की उपलब्ध होती है - ज्ञानात्मक, अर्थात्मक और शब्दात्मक । तहां ज्ञान ज्ञेय संबध द्वारा वस्तु का ज्ञान मे जो प्रतिविम्ब या प्रतिभास पड़ता है उसे ज्ञानात्मक वस्तु कहते है । वाच्य वाचक सम्बन्ध द्वारा वस्तु का शब्द में जो प्रतिभास पड़ता है उसे शब्दात्मक वस्तु कहते
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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