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________________ ६. द्रव्य सामान्य ११२ ७. द्रव्य व अंगो सम्बन्धी समन्वय 1 इसकी भी सारी त्रिकाली पर्यायों की एक फिल्म बना कर हृदय पट पर उस पहिली फिल्म के नीचे उसके बराबर में सटा कर बिछा दीजिये | इसी प्रकार तीसरे 'ग' नाम के गुण की व चौथे 'घ' नाम के गुण की भी त्रिकाली पर्यायों की फिल्म बनाकर उनके नीचे एक दूसरे से सटा कर बिछा दीजिये, जैसे कि नीचे चित्र मे दिखाया गया है । क | १ | २ | ३ | ४ | ५ X ख | १ | २ | ३ |४ ग ' ܐ m X १) १) ८ ९ १० ११ १२ १३ ४ | ५ | × ७ घ १ २ ३ ४ ५ x ७ ८६ १० ११/१२/१३ ८६ १० ११ १२ १३ C ८ ६१० ११ १२१३ # चित्र में 'क' 'ख' 'ग' व 'घ' नाम के चार गुणों की चार फिल्मो को ऊपर नीचे बराबर बराबर सटा कर बिछाया गया है । प्रत्येक गुण की फिल्म मे आगे पीछे १३ अवस्थाओं के फोटो है । कल्पना कीजिये कि यह समय जिस समय कि आप विचार करने बैठे है वस्तु की नं. ६ वाली अवस्था का समय है । अतः नं. ६ की पर्याय तो वर्तमान की पर्याय है नं. १ से ५ तक भूत काल की पर्याय है और ७ से १३ तक भविष्य काल की पर्यायो है । इस प्रकार यह चित्र त्रिकाली पर्यायों का प्रतिनिधित्व कर रहा है फिल्म मे नं. ६ वाले पृथक पृथक ४ फोटुओं को पृथक पृथक देखे तो, यह उन 'क' आदि ४ गुणों की-४ गुण पर्याये है जो द्रव्य मे एक ही समय में विद्यमान है । क्योंकि गुण पर्यायों क समूह को द्रव्य पर्याय कहते है इसलिये ऊपर से नीचे की ओर
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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