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________________ श्री सौ. प्रेमकुमारीदेवी का संक्षिप्त परिचय श्री सौ. प्रेमकुमारी देवी श्री० दानवीर रायबहादुर जैनरल तीर्थभक्तशिरोमणि श्रीमंत सेठ राजकुमार सिंह जी एम ए. एल एल बी. इन्दौर की धर्मपली और अनेक पद विभूषित रावराजा जैन दिवाकर स्व. श्रीमंत सेठ हुकमचन्द जी साहब की पुत्रवधू थी। आपका जन्म श्रीमान् सेठ फलचन्द जी सिवनी ( मालवा ) - निवासी के यहां हुआ था। श्री हुकमचन्द जी पाटनी, बी.ए. एल एल.वी., म पू सेल्समेन दी राजकुमार मिल्स इन्दौर की आप वहन थी। विक्रम सं १९८४ मे जब आपका विवाह हुआ था, उस समय आपकी उम्न १२ वर्ष की और श्री० भैयासाहब राजकुमार सिह जी की उम्र १४ वर्ष की थी। __ सौ प्रेमकुमारीजी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन की विशारद परीक्षा उत्तीर्णकर साहित्यरत्न तक अध्ययन किया था तथा सर्वार्थसिद्धि आदि उच्च धर्म ग्रथो का ज्ञान प्राप्त किया था। आप अत्यन्त विनम्र, सेवाभावी और धार्मिक महिला थी। श्रीमती दा. शी. सेठानी साहब कंचनबाई जी (धर्म पत्नी श्रीमत सर सेठ हुकमचद जी साहब) के प्रत्येक सामाजिक, धार्मिक एव गाईस्थिक कार्य मे सदा साथ रहा करती थी। श्री सौ० दा . शी. कचनबाई दि० जैन श्रविकाश्रम, श्री सौ. दा.शी. कचनबाई प्रसूति
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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