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________________ अनेक समस्यायोंका हलवी शिक्षा १६३ प्रवचनमे सुरक्षित रखें। उनकी अशिक्षा ही उन्हे सदा अपमानित करती है। ___ मेरा तो ख्याल है कि यदि स्त्रीवर्ग शिक्षित हो कर सदाचारी हो जावे तो आज भारत क्या जितना जगत मनुष्योंके गम्य है वह सभ्य हो सकता है। आज जिस समस्याका हल उत्तमसे उत्तम मस्तिप्कवाले नहीं कर सके उसका हल अनायास हो जायगा । इस समय सबसे कठिन समस्या 'जनसंख्याकी वृद्धि किस उपायसे रोकी जाय' है। शिक्षित स्त्री वर्ग इस समस्याको अनायास हल कर सकता है । जिस कार्यके करनेमें राजसत्ता भी हार मानकर परास्त हो गई उसे सदाचारिणी स्त्री सहज ही कर सकती है। वह अपने पतियोंको यह उपदेश देकर सुमागेपर ला सकती हैं कि जब बालक गर्भमे आ जावे तवसे आप और हमारा कर्तव्य है कि यह वालक उत्पन्न होकर जबतक ५ वर्षका न हो जावे तबतक विषय वासनाको त्याग देवें। ऐसा ही प्रत्येक स्त्री सभ्य व्यवहार करे इस प्रकारकी प्रणालीसे सुतरा वृद्धि रुक जावेगी। इसके होनेसे जो लाखों रुपया डाक्टर तथा वैद्योंके यहाँ जाता है वह वच जावेगा तथा जो टी० बी के चिकित्सागृह हैं वे स्वयमेव धराशायी हो जावेंगे। अन्नकी जो त्रुटि है वह भी न होगी। दुग्ध पुष्कल मिलने लगेगा। गृहवासकी पुष्कलता हो जावेगी अतः स्त्री समाजको सभ्य वनानेकी आवश्यकता है। यदि स्त्रीवर्ग चाहे तो बड़े बड़े मिलवालोंको चक्रमे डाल सकता है। उत्तमसे उत्तम जो धोतियाँ मिलोंसे निकलती हैं यदि त्रियाँ उन्हें पहिनना वन्द कर देखें तो मिलवालोंकी क्या दशा होगी? सो उन्हे पता चल जावेगा। करोड़ोंका माल यों ही वरवाद हो जायेगा। यह कथा छोड़ो आज स्त्री कांच की चूड़ी पहिनना छोड़ दे और उसके स्थानपर चाँदी सुवर्णकी चूडी का व्यवहार करने लगे तो चूड़ीवालोंकी क्या दशा होगी ? रोनेको
SR No.009941
Book TitleMeri Jivan Gatha 02
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages536
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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