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________________ [ २६४ ] लिफाफा कार्ड आदि आने पर ही जवाब देने का यदि विकल्प हो तब जवाब देना । २०-४१०. गृहरत श्रावकों का दान पूजा प्रधान कार्य है गृहत्यागिपुरुषों का तप ध्यान भक्ति स्वाध्याय प्रधान कार्य हैं अपने कर्तव्यमें लगे रहो अवश्य सफल होओगे। .. ॐ २१-४२७. श्री बाहुबलिजी स्वामी के दर्शन कर परमसंतोष भया इनके दर्शनके बाद आज दुनियां में किसी भी वस्तु के देखने की तृष्णा नहीं रही । मनोहर ! तुम बाहुबलि के दर्शन के प्रसाद से निम्नलिखित २ बातों पर विशेष ध्यान देना-- १-अपने विचार के प्रतिकूल दूसरों की परिणति देख कर संक्लेश मत करो, तुम्हारी ही परिणति तुम्हारे आधीन है। २-शुद्धि की विधि बताने के अतिरिक्त कभी भी भोजन कथा मत करो। २२-४२६. तुम्हारे नाम से यदि कोई कहीं सामाजिक संस्था खोली जावे तब वहां कभी डेरा नहीं डाल देना
SR No.009899
Book TitleAtma Sambodhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManohar Maharaj
PublisherSahajanand Satsang Seva Samiti
Publication Year1955
Total Pages334
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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