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________________ [ १७६ ] । ३६ धर्मिसेवा १-३१०. जिसने मोन का मर्दन कर दिया हो वे ही बड़भागी वैयावृत्य कर सकते हैं। 卐 ॐ 卐 २-४०६. त्यागियों के रहने योग्य वह स्थान है जहां केवल मुमुक्षों पुरुषों का ही प्रायः गमानागमन व निवास हो । स्त्री, बालक, बालिका, कामी प्रारम्भी पुरुषों का निवास स्थल तो दूरतः हेय है । साधर्मियों को योग्य स्थान में ही आवास करना ब कराना चाहिये। ३-४०६. सामायिक करने के योग्य स्थान ये हैं-- मंदिर जी, नगर के अंत का कोलाहल रहित मकान, बन, उपबन, धर्मायतन, गृहस्थशून्यगृह, ऐसे ही स्थानों पर सामायिक करना चाहिये व साधर्मियों के सामायिक के योग्य स्थान व वातावरण का प्रयत्न करना चाहिये। 卐 ॐ 卐 ४--३. प्रतिकूल कारण मिलने पर भी जो चरित्र व समता
SR No.009899
Book TitleAtma Sambodhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManohar Maharaj
PublisherSahajanand Satsang Seva Samiti
Publication Year1955
Total Pages334
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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