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________________ संरक्षक -श्रीयुत सेठ हरगोविंददास रामजी शाह-मुंबई. खंड २] जैन [ अंक ३-४ साहित्य संशोधक (जैन इतिहास, साहित्य, तत्त्वज्ञान आदि विषयक सचित्र पत्र ) संपादकश्रीजिनविजय (एम्. आर्. ए. एस् ) विषयानुक्रमणिका १ महाकवि पुष्पदन्तके समयपर विचार; ले० श्रीयुत व बू हीरालालजी जैन एम्. ए. एल् एल् बी. २ कविवर समयसुन्दर; ले० श्रीयुत मोहनलाल दलीचंद देसाई बी. ए. एल्एल्. बी. ३ पुरातत्त्व संशोधननो पूर्व इतिहास-संपादकीय ४ वैशालिना गणसत्ताक राज्यनो नायक राजा चेटक-संपादकीय. परिशिष्ट. १ मेरुतुंगाचार्य विरचित विचारश्रेणिः (संस्कृत ) २ केवलिभुक्ति स्त्रीमु के प्रकरणम् श्रीमत् - शाकटायनाचार्यविरचितम् ( आतेदुर्लभ्य संस्कृत प्रकरण ) ३ जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण विरचित-जीतकल्पसूत्र मूलमात्र ( प्राकृत ) 200 000000 ईएस प्रकाशक जैन साहित्य संशोधक कार्यालय. ठि. भारत जैन विद्यालय-पूना शहर. ज्येष्ठ, विक्रम सं. १९८१] मह वीर नि सं. २४५१ [ मे, सन् १९२५ 拿余金术 Aho! Shrutgyanam +++++++48
SR No.009880
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 02 Ank 03 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1923
Total Pages176
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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