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________________ पाली, प्राकृतं, संस्कृत, गुजराती, हिन्दी भाषानां केटलांक उत्तम पुस्तको ०-१४-० ७-८-. १ प्राकृत कथासंग्रह. सं० मुनि जिनविजय ( पुरातत्त्वमन्दिर ग्रंथावली ) २. पाली पाठावली. " ०-१२-० ३. कुमारपाल प्रतिबोध (प्राकृत ऐतिहासिक ग्रंथ; गायकवाड सीरीझ) , ४. हरिभद्राचार्यस्य समयनिर्णय ( जै. सा. सं. प्रथमाळा ) ०-४-० ५. प्राकृत व्याकरण संक्षिप्त परिचय ०-४-० ६. सुपासनाह चरियं (प्राकृत भाषानो महान् चरित्रग्रंथ ) । ७-८-० ७. सुरसुन्दरी चरियं (प्राकृत भाषामां एक सुंदर कथा) २-८-० ८. उपकश गच्छीय पट्टावली (संस्कृत) ०-४-० ९. गुणस्थानक्रमारोह (हिन्दी भाषान्तर-विस्तृत विवेचन) १-४-० १०. परिशिष्ट पर्व (हिन्दी भाषामां उत्तम भाषांतर) १-४-० ११. छेदसूत्राणि (आमां कल्प--व्यवहार--निशीथ नामना त्रणा छेदसूत्रो बहु शुद्ध अने उत्तम पद्धतीए छपावेला छे,जे अत्यंत दुर्लभ छ घणी थोडी नकलो छपावेली छे.)२-८-० १२. साधुशिक्षा (सुन्दर हिन्दी भाषांतर) ... -८-० १३. जैन धर्मनुं अहिंसातत्त्व (तात्विक विवेचन) २-४-० १४. सुखी जीवन (वांचवालायक शांतिप्रद सुंदर गुजराती पुस्तक) १-०-० १५. नयकार्णिका (उत्तम गुजराती विवेचन) ०--६-० ए सिवाय, आत्म तिलक प्रन्थ माळामां छपाएलां नानां मोटां पुस्तको जे प्रभावना करवा लायक होई नामनी किंमते ज वेचवामां आवे छे ते पण नीचेनां ठेकाणे मळे छे. गुजरात पुरातत्त्वमंदिर, एलीस अति अहमदाबाद (गुजरात) भारत जैन विद्यालय, पूना सिटी ( दक्षिण). मुद्रक-पृष्ठ १-३३ जैन साहित्य मुद्रणालय; पृ० ५७-८० चित्रशाला प्रेस; और बाकी सब-हनुमान प्रेस, सदाशिव पेठ, पूना सीटी.-प्रकाशक चिमनलाल एल्. शाहा, भारत अणिया, पूना शहर.
SR No.009879
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 02 Ank 01 to 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1923
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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