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________________ 7: K Kaka जैन साहित्य संशोधकना द्वितीय खण्डमां केवा केवा विषयो आवशे ते जाणवुं होंय तो आ नीचेनी नोंध ध्यानपूर्वक वांचो KAKAKAK बीजा खण्डमा, जैन धर्मना प्राचीन गौरव उपर अपूर्व प्रकाश पाडनारा अनेक प्राचीन शिलालेखो अने ताम्रपत्रो प्रकट थशे. बीजा खण्डमा, जैन संघना संरक्षक जुदा जुदा गच्छोनी पट्टावलियो प्रसिद्ध थशे. बीज खण्डमा, जैन साहित्यना आभूषणभूत ग्रन्थोना परिचय अने तेनी प्रशस्तिओ प्रसिद्ध असे. बीजा खण्डमा, जैन अने वौद्ध साहित्यनी तुलना करनारा प्रौढ अने गंभीर लेखो आवशे. बीज खण्डमा, भगवान महावीर देवना निर्वाण समय संबंधी जुदा जुदा विद्वानोए लखेला लेखनां भाषान्तरो तथा स्वतंत्र लेख अवशे बीजा खण्डमा, मो० बेवरनी लखेली जैन आगमो वेबरनी विस्तृत समालोचना आपवामां आवशे बीजा खण्डमा, जैन साहित्यमा उल्लेखित प्राचीन स्थळोनां वर्णनो आवशे. बीज खण्डमा, बौद्ध साहित्यमां जैन धर्मविषये शा शा विचारो लखाएला छे तेना विचित्र उल्लेख आवशे. बीजा खण्डमा, जैन संघमा आज पर्यंत थई गएला बधा प्रसिद्ध पुरुषानो टुक परिचय आपवामां आवशे. आ सिवाय बीजा पण अनेक नाना मोटा अपूर्व अपूर्व लेखो प्रकट करवामां आवशे अने साधे तेवा ज सुन्दर मनहर, दर्शनीय अने संग्रहणीय अनेक चित्रो पण यथायोग्य आपवामां आवशे. XXXXOK Aho! Shrutgyanam
SR No.009878
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 01 Ank 03 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1922
Total Pages252
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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