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________________ सहायक. श्रीयुत मनसुखलाल रवजीभाई मेहता. मुंबई. शेठ कांतिलाल गगलभाई-हाथीभाई, पूना. शेठ केशवलाल मणीलाल शाह, पूना शेठ बाबलाल नानचंद भगवानदास झवेरी, पूना. लाईफर्मवर श्रीयुत बाबू राजकुमार सिंहजी बद्रीदासजी, कलकत्ता. श्रीयत बाब पूरण चंदजी नाहार, एम.ए. एल एल बा. कलकत्ता शेठ लालभाई कल्याणभाई झवेरी, वडोदरा (मुंबई). शेठ नरोत्तमदास भाणजी, शेठ दामोदरदास, त्रिभुवनदास भाणजी, मुंबई. शेठ त्रिभुवनदास भाणजी जैन कन्याशाला, भावनगर, शेठ केजीभाई माणेकचंद, मुंबई. शेर रणभाई मूळ जीभाई, मुंबई. बचंद देवचंद, मुंबई. तीचंद गिरधरलाल कापडिया बी. ए. एल एल. बी. सोलीसीटर, मुंबई. शरी चंदजी भंडारी, इंदौर तलाल पण्ड भगवानदास कं. मंबई. शाह चीलाल वीरचंद कृष्णाजी, पूना. शाह धनजीभाई वखतचंद साणंदवाळा, हाल घूना. शाह बाळभाई शामचंद, तळगाम (ढमढर). शाह चुनिलाल झवेरचंद, मुंबई शाह भोगीलाल चुनिलाल, सोलापूरबजार, पूना कैप. तथा दानवीर उदारात्मा कोट परमानंददास रतनजी निवासस्थान घाटकोपर संबई.) तरफथी मनिराज श्रीजिनविजयजी म. नी साहित्यसेवास्वरूप सत्प्रवृत्तिमा प्रारंभथीज जे उदार सहायता मळ्या करे छे, ते माटे, तेओ शेठश्रीतुं पण आ स्थळे अन्तःकरणपूवक अभिनन्दन करवामां आवे छे. आशा छे के आर्वाज रीत बीजा पण सद्गृहस्थो यथाशक्ति पोतानी उदारता बतावी जैन धर्मना आ गौरव प्रकाशक पुण्य कार्यमा सहायक थशे. एज विनंती. निवेदकजैन सा. सं. समाजना कार्यवाहको. व्यवस्थापकनं निवेदन:--प्रेस विगेरेनी हाडमारीओने लीधे वाचकोने जो नियमिता समय उपर जैन साहित्य संशोधक न मळे तो ते विषयमा धैर्य रखवानी जरूर छे. आजकाला छपामणीनुं काम केटलं बधं त्रासदायक थई पडयु छ, ते, जेने एबाबतनो थोडो घणो अनुभव थयो होय तेज समजी शके तेम छे. नियत समय उपर प्रकट करवानी बनती कोशीस अमारा तरफथी करवामां आवे छेज. किंबहुना? Aho! Shrutgyanam
SR No.009877
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 01 Ank 01 to 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1922
Total Pages274
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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