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________________ लघुसिद्धान्तकौमुदी संक्षिप्तबालबोधिनी टीका सहिता । प्रथमापरीक्षोपयोगि “संक्षिप्तबालबोधिनी" टीका - ( वार्त्तिकपाठ धातुपाठ-गणपाठ- सूत्रानुक्रमणिका - पाणिनीयशिक्षा सहित ) इस लघुकौमुदी में सूत्र बड़े टाईप स्वतन्त्र पति में तथा वृत्ति पृथक उसके नीचे दूसरे पति में छापी गई है । यह परीक्षोपयोगि संक्षिप्तबालबोधिनी टीका विद्यार्थियों के बड़े उपयोग की हुई है । मूल्य लागत मात्र सजिल्द उत्तम संस्करण 11 ) मध्य मसंस्करण || =) सारस्वतम् इसमें भी लघुकौमुदी के अनुसार सूत्र स्वतन्त्र टाईपमें तथा वृत्ति पृथक् पङ्कि में छापी गई है तथा समस्त कठिन २ स्थलों पर पं० नरहरिशास्त्रीजीकृत परीक्षोपयोग संक्षिप्त बालबोधिनी टीका विद्यार्थियों के बडे उपयोग की हुई है। साथ में १५ वर्षा के परीक्षा के प्रश्न पत्र भी छप हैं तथा ग्रन्थ समाप्ति में सारस्वतकी संपूर्ण अष्टाध्याई भी छपी है इतने उपयोगि विषय सहित अत्युत्तम संस्करण का मूल्य | =) लागत मात्र सिद्धान्तचन्द्रिका । संक्षिप्तबालबोधिनी टीका सहिता । प्रथमापरीक्षोपयोगि "संक्षिप्तबालबोधिनी" टीका सहित इसमें भी लघुकौमुदी के अनुसार सूत्र स्वतन्त्र मोटे अक्षरों में तथा वृत्ति पृथक् पङ्कि में छपी है । इसकी भी संक्षिप्तबालबोधिनी टीका विद्यार्थियों के बड़े उपयोग की हुई है । मूल्य || | ) है | इसका केवल उत्तरार्द्धभाग पृथक् भी मिलता है । मूल्य ॥ ) मूलरामायण - सुधानाम्निव्याख्यासहितम् | ( महाभारतीयशीलनिरूपणाध्यायसहितम् ) बनारस गवर्नमेण्ट संस्कृत कालेज की प्रथम परीक्षा में मूलरामायण प्रथमः सर्ग तथा महाभारतीयशीलनिरूपणाध्याय ग्रन्थ नया निर्धारित हुआ है विद्यार्थियों के उपयोग के लिए इस पुस्तक में सबसे प्रथम पात्र - परिचयः, सरल संस्कृत में संक्षिल कथा तथा प्रतिश्लोक का अन्वयः, सुधाव्याख्या, समासः, व्याकरण, वाच्यपरिवर्तन, कोषः, सारार्थः, भाषार्थः, तथा अन्त में प्रति श्लोकों से शिक्षा तथा परीक्षोपयोग विविध प्रश्न संग्रह भी रक्खा गया है जिससे विद्यार्थियों की इस पुस्तक के पढ़ने से परीक्षा देने में समस्त कठिनाई दूर हो गई हैं ऐसी उत्तम पुस्तक आज तक दूसरी नहीं छपी है। मूल्य भी बहुत अल्प | = ) छः आना मात्र है । तर्कसंग्रहः न्यायबोधिनी - पदकृत्य - विरलाटीकात्र पोपेतम् । प्रथमापरीक्षोपयोगि न्यायबोधिनी - पदकृत्यटीका तथा न्यायाचार्य काव्यतीथ पं० ढुण्डिराजशास्त्रीकृत विरला टीका टिप्पणा सहित । मूलग्रन्थ तथा न्यायबोधिनीपदकृत्य - टीका के समस्त कठिनस्थलों पर विरला टीका विद्यार्थियों के बड़े उपयोग की हुई है। ३ टीका सहित अत्युत्तम संस्करण का मूल्य लागत मात्र 1 =) प्राप्तिस्थानम् — श्रीहरिकृष्णनिबन्धभवनम्, बनारस सिटी । Aho! Shrutgyanam
SR No.009875
Book TitleFakkika Ratna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaklal Thakur
PublisherHarikrishna Nibandh Bhawan Benaras
Publication Year1932
Total Pages280
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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