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________________ DODDSDEESESEE श्रीगोकुलेश्वरप्रीत्यै तदीयजननोत्सवे । श्रीहरिकृष्णदासेन सदानन्दाभिलाषिणा || विक्रमीय - युगवसुनवेन्दुमितशरदि सुतारे स्थापितमिह शुभसहसि शुक्कु इनतिथिगुरुवारे । श्रीहरिकृष्णनिबन्धभवनमिति मणिमालायाः बुधजन विनोदमतिमङ्गलदायाः ॥ SESSSSSSSSSS मन्थनाय रघुवंश महाकाव्यम् - सुधानाम्निव्याख्या सहितम् । प्रत्येक श्लोक में क्रमशः अवतरण-श्लोक, सञ्जीवनी - अन्वयः - "सुधाव्याख्या"कोश:- समासादि-व्याकरण वाच्यपरिवर्तन- तात्पर्यार्थः- हिन्दीभाषार्थः तथा जहां तहां पौराणकीय कथायें - उपयुक्त टिप्पणीयां-संक्षिप्तकथायें आदि उपयुक्त विषय दिये हैं तथा ग्रन्थ समाप्ति में परीक्षोपयोगि प्रश्नपत्र भी दिये गये हैं आज तक इतनी उत्तम परीक्षोपयोगि टीकायें तथा मल्लिनाथ कृत सञ्जीविनी टीका सहित का रघुवंश अन्यत्र नहीं छपा । १ से ५ सर्ग का मूल्य लागत मात्र १ | ) उपरोक्त "सुधाव्याख्या" सहित रघुवंश १ से ४ सर्ग का मूल्य १1) तथा ६ से १० सर्ग का मूल्य १॥ ) पृथक् २ संस्करण भी मिलता है । किरातार्जुनीयम् - सुधानाम्निव्याख्या सहितम् । सर्व प्रथम पात्र - परिचय - संक्षिप्तकथा तथा प्रत्येक श्लोक में क्रमशः अवतरणश्लोक-मल्लिनाथीटीका - अन्वयः - " सुधाव्याख्या" - कोश: - समासादि - व्याकरण - वाच्य - परिवर्तन - तात्पर्यार्थः- भाषार्थ:-जहां तहां उपयुक्त टीप्पणीयां- शिक्षासङ्ग्रह - तथा परीक्षोपयोगि प्रश्नपत्र भी दिये गये हैं आज तक किरात १ से ३ सर्ग का इतनी उत्तम परीक्षोपयोगि टीकायें तथा मल्लिनाथी टीका सहित का संस्करण दूसरा अन्यत्र कहीं नहीं छपा । १ से ३ सर्ग का मूल्य लागत मात्र III) प्राप्तिस्थानम् श्रीहरिकृष्णनिबन्धभवनम् बनारस सिटी । Aho! Shrutgyanam
SR No.009875
Book TitleFakkika Ratna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanaklal Thakur
PublisherHarikrishna Nibandh Bhawan Benaras
Publication Year1932
Total Pages280
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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