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________________ भाखत्याम् । तो ११ । ५९ । २७ हुए इस में २० का माग ले ने से लब्ध १। १७ । ५६ मिले इस लब्ध को, केन्द्र छः राशि से न्यून है अतः दूसरे स्थान में स्थापित मध्यम बुध ८३।७४३ में घटाया तो मन्द स्पष्ट बुध ८१। ४९। ४७ हुआ । मन्द स्पष्ट को दो जगह धरि एक जगह इस ८१॥४९।४७ में बुध के शीघ्र ७८०२८।१५ को घटाना चाहिये सो नहीं घटता इस से मन्द स्पष्ट में १२०० को युत किया तो १२८९१४९।४७ हुए इस में शीघ्र घटाया तो बुध का सघि केन्द्र ५०१ । २१ । ३२ हुआ इस में १०० का भाग देने से लब्ध ५ मिले शेष १ । २१ । ३२ को ३ से गुणा तो ४ । ४ । ३६ हुए इस में १०. का भाग दिया तो फल • मिला इसके पूर्व फल ५ में युत करने से ५ ही रहे पाचवां भुक्त खण्डा ५३ भोग्य खण्डा ३६ है इन दोनों का अन्तर ऋण १७ हुआ, इससे शेष ४।४।३६ को गुणा कियातो ६९ । १८ । १२ हुए इस में १०० का भाग देने से फल ०।४।३५ मिले इसको भुक्त खण्डा ५३ में घटायातो शीघ्र फल ५२ । १८ । २५ हुआ, केन्द्र छः राशि से न्यून है इस से दूसरे जगह धरे हुए मन्द स्पष्ट ८१४९९४७ में शीघ्र फल ५२ ॥१८४२५ को घटाया तो स्पष्ट बुध २९ ।३१।२२ हुआ, इसमें १०० का भाग देने से बुध की स्पष्टराशि आदि । । । ४९ हुई ॥ मध्यम गुरु ६७२।३३।३० को दो जगह धरि के एक जगह गुरुके मन्दोच्च ६०० को युत करने से १२७२।३३।३० हुए इसको १२०० से शेषित किया तो वृहस्पति का मन्द केन्द्र ७२।३३।३० हुआ, इसमें १०० का भाग दिया तो लब्ध • मिला इससे मुक्त खण्डा का अभाव है भोग्य खंडा११ है एही अन्तर भी है, इससे शेष ७२।३३।३० को गुणा कियातो ७६८1८३० हुए इस में १०० का भाग देने से लब्ध ७५८.५३ मिले भुक्त खंडा के अभाव से एही मन्द फल हुआ Aho! Shrutgyanam
SR No.009873
Book TitleBhasvati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShatanand Marchata
PublisherChaukhamba Sanskrit Series Office
Publication Year1917
Total Pages182
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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