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________________ मुक्ति : स्वतन्त्रता स्वतन्त्रता का विचार आज के जीवन में बहुत प्रिय है । स्पष्ट है कि स्वतन्त्रता का अर्थ है मैं अपनी इच्छा के अनुसार किसी कार्य को चाहूँ तो करूँ और चाहूँ तो न करूँ। वस्तुतः यही कर्म है, यही क्रिया है, शेष सब मात्र प्रतिकर्म हैं, मात्र प्रतिक्रियाएँ हैं। आज मैं अपने जीवन में जिन्हें कर्म कहता हूँ, उनकी अोर दृष्टि डालूं और देखू तो यह लगेगा कि मैं परिस्थितियों के हाथ की कठपुतली हूँ । एक परिस्थिति उत्पन्न होती है और उसकी प्रतिक्रिया में मैं एक कर्म कर देता हैं; दूसरी परिस्थिति उत्पन्न होती है, उसकी प्रतिक्रिया में मैं दूसरा कर्म कर देता हूँ । मेरा कोई कर्म ऐसा नहीं है जो किसी न किसी परिस्थिति के प्रतिकार में न किया गया हो, जो स्वयं मुझ में से उद्भूत हुअा हो । चारों ओर समाज में फैली हई धन की महत्ता मुझे धनोपार्जन के लिये पागल कर देती है। पर उस धनोपार्जन के लिए किए जाने वाली समस्त क्रियाओं के लिये क्या क्रिया शब्द या कर्म शब्द का प्रयोग करना उचित होगा या प्रतिकर्म और प्रतिक्रिया शब्द का प्रयोग ठीक होगा ? भूख, प्यास, जैसी मूलभूत प्रवृत्तियों के प्रतिकार के लिये किये जाने वाले आहार, निद्रा, भय, मैथुन से लेकर विद्याध्ययन, शास्त्र स्वाध्याय जैसे तथाकथित ऊँचे कर्मों तक क्या कोई कर्म ऐसा है जो कर्म परिस्थिति से स्वतन्त्र होकर मुझमें से प्रस्फुटित हुअा हो और यदि ये सब कर्म परिस्थिति के प्रभाव से उत्पन्न होते हैं तो इन कर्मों का मैं कर्ता कैसे हुआ, मुझे यह स्वतन्त्रता कहाँ है कि मैं उन कर्मों को परिस्थिति से निरपेक्ष होकर स्वतन्त्रतापूर्वक कर सकूँ? यह मेरी लाचारी है, यह मेरी पराधीनता है और जिस दिन मैं इस बाह्य वातावरण से-इस वातावरण में समस्त जड़ और चेतन तत्त्व सम्मिलित हैं—मुक्त हो जाऊँगा उस दिन मेरी सत्य स्वतन्त्रता होगी, उस दिन मेरे जीवन की कृतकृत्यता होगी और यदि यह नहीं होता तो एक परिस्थिति की प्रतिक्रिया में एक कर्म करता हा मैं एक दूसरी परिस्थिति की ओर बलात् धकेल दिया जाता हूँ और उस परिस्थिति की प्रतिक्रिया में एक तीसरा कर्म करता हुआ एक तीसरी परिस्थिति की
SR No.009861
Book TitleJain Jivan Darshan ki Prushtabhumi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayanand Bhargav
PublisherRanvir Kendriya Sanskrit Vidyapith Jammu
Publication Year1975
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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