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________________ Shri Ashtapad Maha Tirth की। गौतम ने उनको प्रव्रजित कर दिया। देवताओं ने उनके लिए साधु के वेश प्रस्तुत किए। सभी गौतम स्वामी के साथ चले। चलते-चलते भिक्षावेला हो गई। गौतम ने पूछा- 'पारणक में क्या लाएँ ?' तापस बोले- 'पायस।' भगवान् गौतम भिक्षा लेने गए। वे सभी लब्धियों से परिपूर्ण थे। वे घृतमधुसंयुक्त पायस से पात्र भरकर लाए और अपनी अक्षीणमहानस लब्धि से एक पात्र पायस से सबको पारणा करा दिया। फिर स्वयं ने भी पारणा किया। सभी पूर्ण तृप्त हो गए। शैवाल खाने वाले पाँच सौ तापसों को गौतम स्वामी की इस लब्धि को देखकर केवलज्ञान की प्राप्ति हो गई। दत्त तापस और उसके शिष्यों को भगवान् महावीर के छत्रातिछत्र अतिशय देखकर केवलज्ञान उत्पन्न हो गया। भगवान् के साक्षात् दर्शन कर कौंडिन्य और उसके शिष्यों को भी केवलज्ञान प्राप्त हो गया। गौतम स्वामी आगे चल रहे थे। शेष सभी उनके पीछे चल रहे थे। सभी ने भगवान् को प्रदक्षिणा दी और जो केवली थे, वे केवली-परिषद् की ओर जाने लगे। गौतम स्वामी ने कहा- 'आओ, पहले भगवान् को वंदना करो।' तब भगवान् महावीर बोले- 'गौतम ! केवलियों की आशातना मत करो।' गौतम भगवान् की ओर मुड़े और मिच्छामि दुक्कडं किया। भगवान् गौतम को गहरी अधृति हो गई। भगवान् महावीर ने तब कहा'देवता का वचन ग्राह्य है अथवा जिनेश्वर देव का ?' गौतम बोले- 'जिनेश्वर देव का।' भगवान् ने कहा- 'तब तुम अधृति क्यों कर रहे हो ?' भगवान् ने तब चार प्रकार के कटों की बात कही। चार प्रकार के कट होते हैं- शुंबकट, विदलकट, चर्मकट और कंबलकट । इसी प्रकार शिष्य भी चार प्रकार के होते हैं- शुंबकट के समान, विदलकट के समान, चर्मकट के समान तथा कंबलकट के समान । गौतम ! तुम मेरे सदृश शिष्य हो। तुम मेरे चिर-संसृष्ट और चिर-परिचित हो। अंतमें हम दोनों समान हो जायेंगे। तब भगवान् ने गौतमस्वामी की निश्रा में द्रुमपत्रक अध्ययन की प्रज्ञापना की। वैश्रमण सामानिक देव च्युत होकर अवंती जनपद में तुंबवन सन्निवेश में धनगिरि नामक श्रेष्ठि के घर पुत्ररूप उत्पन्न हुए । जो आगे जाकर आचार्य वज्रस्वामी बने । Aacharya Vraj ka Itivrutt -6 324
SR No.009858
Book TitleAshtapad Maha Tirth 01 Page 336 to 421
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnikant Shah, Kumarpal Desai
PublisherUSA Jain Center America NY
Publication Year2011
Total Pages86
LanguageHindi, Sanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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