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________________ ५२ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद आत्मसाधना करना । प्रशस्त निमित्त में हमेशा प्रशस्त कार्य का आरम्भ करना, अप्रशस्त निमित्त में सर्वकार्य वर्जन करना । [८२-८४] दिन से अधिक तिथि ताकतवर है । तिथि से अधिक नक्षत्र ताकतवर है। नक्षत्र से करण, करण से ग्रहदिन ताकतवर है । उससे अधिक मुहूर्त, मुहूर्त से अधिक शकुन ताकतवर है । शकुन से लग्न ताकतवर है । उससे निमित्त प्रधान है । विलग्न निमित्त से निमित्त बल उत्तम है । निमित्त सव से प्रधान है । निमित्त से अधिक बलवान लोक में कुछ नहीं है । [८५] इस तरह संक्षेप से बल-निर्बल विधि सुविहित द्वारा कही गई है । जो अनुयोग ज्ञान ग्राह्य है । और वो अप्रमत्तपन से जाननी चाहिए । | ३१ | गणिविद्या-प्रकिर्णक-८-हिन्दी अनुवाद पूर्ण |
SR No.009788
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size8 MB
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