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________________ १७ १८ आगमसूत्र हिन्दी अनुवाद . निशीथसूत्र हिन्दी अनुवाद-अनुक्रम (पीछे से चालु) उद्देशक अधिकार अनुक्रम पृष्टांक | गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ३९३-४६९ ८३-८४ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ४७०-५६० ८४-८६ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ५६१-५७९ ८६-८७ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोप ५८०-६०७ ८९-९० गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ६०८-६५४ ९०-९२ गुरुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ६५५-७४६ ९२-९४ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ७४७-७८८ ९४-९६ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ७८९-८६२ ९६-९७ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ८६३-९०४ ९७-९८ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ९०५-१०५८ | ९८-१०० लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष १०५९-११०८१००-१०२ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष ११०९-१२५९ /१०२-१०३ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष १२६०-१३३२|१०३-१०५ लघुचौमासी प्रायश्चित्त योग्य दोष १३३३-१३६९ १०५-१०८ २० प्रायश्चित्त देने की और वहन करने की विधि | १३७०-१४२० |१०८-११० (३५४ बृहत्कल्पसूत्र-हिन्दीअनुवाद-अनुक्रम) उद्देशक | अधिकार अनुक्रम पृष्ठांक साधु-साध्वी आचार विधि-निषेध १-५० १०९-१११ ५१-८० ११२-११३ ८१-११० ११३-११५ १११-१४२ ११५-११८ १४३-१९५ ११८-१२० १९६-२१५ १२०-१२१ (३६ व्यवहारसूत्र-हिन्दीअनुवाद-अनुक्रम) उद्देशक अधिकार अनुक्रम पृष्ठांक परिहार स्थान, प्रायश्चित्त विधि-आदि १-३५ १२२-१२४ दो या अधिक साधर्मिक-सहविचरण विधि ३६-६५ १२४-१२६ दीक्षापर्याय तथा शास्त्र अनुज्ञा...आदि ६६-९४ १२६-१२८ ऋतुकाल सम्बन्धी विधि-निषेध ९५-१२६ १२८-१३१ ऋतुकाल सम्बन्धी विधि-निषेध १२७-१४७ १३१-१३२ १५ or mx o w ३ ६
SR No.009788
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size8 MB
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