SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 90
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रज्ञापना-२१/-/५०९ (पद-२१-'अवगाहना-संस्थान") [५०९] इस में ७ द्वार हैं-विधि, संस्थान, प्रमाण, पुद्गलचयन, शरीरसंयोग, द्रव्यप्रदेशों का अल्पबहुत्व, एवं शरीरावगाहना-अल्पबहुत्व । [५१०] भगवन् ! कितने शरीर हैं ? गौतम ! पांच-औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस और कार्मण । औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! पांच प्रकार का, एकेन्द्रिय यावत् पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर । एकेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! पांच प्रकार का, पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक-एकेन्द्रिय-औदारिकशरीर । पृथ्वीकायिकएकेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सूक्ष्म और बादर । सूक्षमपृथ्वीकायिक-एकेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है.? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक० इसी प्रकार बादर-पृथ्वीकायिक समझ लेना । इसी प्रकार वनस्पतिकायिक तक जानना । . द्वीन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्त और अपर्याप्त० । इसी प्रकार त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय जानना । पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, तिर्यञ्च-पंचेन्द्रिय और मनुष्य-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर। तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! तीन प्रकार का, जलचर, स्थलचर और खेचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर । जलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्छिम० और गर्भज जलचरतिर्यञ्चपंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर । सम्मूर्छिम-जलचर-तिर्यंचयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक० इसी प्रकार गर्भज को भी समझ लेना । स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, चतुष्पद-स्थलचर० और परिसर्प-स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर । चतुष्पद-स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्छिम और गर्भज-चतुष्पद० । सम्मूर्छिम-चतुष्पद-स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिकपंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक०। इसी प्रकार गर्भज को भी समझ लेना । परिसर्प-स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, उरःपरिसर्प और भुजपरिसर्प-स्थलचर० उरःपरिसर्प-स्थलचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्छिम और गर्भज-उरःपरिसर्प० सम्मर्छिम उरःपरिसर्प० दो प्रकार का है, अपर्याप्तक और पर्याप्तक-सम्मर्छिम-उरःपरिसर्प० इसी प्रकार गर्भज-उरःपरिसर्प और भुजपरिसर्प भी समझ लेना | खेचर-तिर्यञ्चयोनिक-पंचेन्द्रिय औदारिकशरीर भी दो प्रकार का यथा-सम्मूर्छिम और गर्भज । सम्मूर्छिम दो प्रकार के है, पर्याप्त और अपर्याप्त । गर्भज को भी ऐसे ही समझना । मनुष्य-पंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्छिम और गर्भज-मनुष्य० । गर्भज-मनुष्यपंचेन्द्रिय-औदारिकशरीर दो प्रकार का है, पर्याप्तक और अपर्याप्तक-गर्भज-मनुष्य० । . [५११] औदारिकशरीर का संस्थान किस प्रकार का है ? गौतम ! नाना संस्थान
SR No.009786
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy