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________________ आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद स्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे खेचर पंचेन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे स्थलचर तिर्यक्योकि नपुंसक संख्यातगुण, उनसे जलचर पंचे० तिर्यक्योनिक नपुंसक संख्यातगुण, उनसे चतुरिन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुंसक विशेषाधिक, उनसे त्रीन्द्रिय ति० नपुंसक विशेषाधिक, उनसे द्वीन्द्रिय ति० नपुंसक विशेषाधिक, उनसे तेजस्कायिक एकेन्द्रिय ति० नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक, उनसे अपकायिक एकेन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक, उनसे वायुकायिक एकेन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक, उनसे वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक नपुंसक अनन्तगुण हैं । (७) गौतम ! अन्तरद्वपिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष- ये दोनों परस्पर तुल्य और सबसे थोड़े हैं, उनसे देवकुरु - उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष- ये दोनों परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं, उनसे हरिवर्ष रम्यकवर्ष अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं, उनसे हैमवत - हैरण्यवत अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष परस्पर तुल्य और संख्यातगुण हैं, उनसे भरत - ऐरवत- कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे भरत - ऐरवत - कर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे भरत - ऐखत- कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण हैं, उनसे पूर्वविदेह-पश्चिमविदेह कर्मभूमक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण है, उनसे पूर्वविदेह - पश्चिमविदेह कर्मभूमक मनुष्यस्त्रियां दोनों संख्यातगुणी हैं, उनसे अन्तद्वपिक मनुष्यनपुंसक असंख्यातगुण हैं, उनसे देवकुरु - उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्य नपुंसक दोनों संख्यातगुण हैं, इसी तरह यावत् पूर्वविदेहकर्मभूमिक मनुष्यनपुंसक, पश्चिमविदेह कर्मभूमिक मनुष्यनपुंसक दोनों संख्यातगुण हैं । (८) गौतम ! सबसे थोड़े अनुत्तरोपपातिक देव, उनसे उपरिम ग्रैवेयक देव संख्यातगुण, इसी तरह यावत् आनतकल्प के देव संख्यातगुण, उनसे अधः सप्तमपृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे छठी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे सहस्रारकल्प के देव असंख्यातगुण, उनसे महाशुक्रकल्प के देव असंख्यातगुण, उनसे पांचवीं पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे लान्तककल्प के देव असंख्यातगुण, उनसे चौथी पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुण, उनसे ब्रह्मलोककल्प के देव असंख्यातगुण, उनसे तीसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे माहेन्द्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे सनत्कुमारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे दूसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे ईशानकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे ईशानकल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे सौधर्मकल्प के देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे सौधर्मकल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे भवनवासी देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे इस रत्नप्रभापृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे वानव्यन्तर देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे ज्योतिष्कदेवपुरुष संख्यातगुण, उनसे ज्योतिष्क देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं । (९) गौतम ! अन्तर्द्वीपिक अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष- ये दोनों परस्पर तुल्य और सबसे थोड़े हैं, उनसे देवकुरु - उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्य स्त्रियां और पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुण हैं, इसी प्रकार अकर्मभूमिक हरिवर्ष- रम्यकवर्ष की मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुण हैं । इसी प्रकार हैमवत - हैरण्यवत के स्त्री पुरुष तुल्य ४०
SR No.009785
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size10 MB
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