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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २६ चवहार - १०/२५१ ववहारं पवेज्जानो से तत्थ सुए सिया जहा से तत्थ आणा सिया आणाए ववहारं पट्टवेचा नो से तत्य आणा सिया जहा से तत्थ धारणा सिया धारणाए बबहारं पट्टयेजा नो से तत्य धारणा सिया जहा से तथ जीए सिया जीएणं ययहारं पट्टवेखा श्वेतेहिं पंचर्हि ववहारेहिं ययहारं पट्टवेज्जा तं जहा- आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं जहा जहा से आगमे सुए आणा धारणा जीए तहातहा ववहारे पट्टवेज्जा से किमाहुं भंते आगमबलिया समणा निग्गंधा इच्चेयं पंचविहं वबहारं जयाजया जहिं जहिं तया तया तहिं तर्हि अनिस्सिओस्सियं वबहारं बवहरेमाणे समणे निष्गंधे आणाए आराहए भवइ | ३ |-3 (२५२) चत्तारि पुरिसजाया पत्रता तं जहा- अवकरे नामयेगे नो माणकरे, माणकरे नाममेगे नो अट्ठकरे एगे अट्ठकरे व पाणकरे वि एगे नो अड्डकरे नो माणकरे ।४। 4 (२५३) चत्तारि पुरिसजाया पत्ता तं जहा गणडुकरे नाममेगे नो पाणकरे माणकरे नामगणक एगे गणडुकरे वि माणकरे वि एगे नो गणद्वकरे नो पाणकरे । ५1-8 (२५४) चत्तारि पुरिसजाया पत्ता तं जहा- गणसंगहकरे नामयेगे नो पाणकरे माणकरे नाममेगे नो गणसंगहकरे एगे गणसंगहकरे वि माणकरे वि एगे नो गणसंगहकरे नो माणकरे | ६ |-6 (२५५) चत्तारि पुरिसजाया पत्ता तं जहा गणसोभकरे नामयेगे नो माणकरे पाणकरे नाममेगे नो गणसोमकरे एगे गणसोभकरे वि पाणकरे वि एगे नो गणसोमकरे नो माणकरे 1७1-7 (२५६) चत्तारि पुरिसजाया पत्रत्ता तं जहा गणसोहिकरे नाममेगे नो पाणकरे माणकरे नाममेगे नो गणसोहिकरे एगे गणसोहिकरे वि माणकरे वि एगे नो गणसोहिकरे नो माणकरे ॥ ८1-8 (२५७) चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-रूवं नाममेगे जहइ नो धम्मं धम्मं नाममेगे जहइ नो रूवं एगे रूवं पि जहइ धम्मं पि जहइ एगे नौ रूवं जहइ नो धम्मं जहइ |१| (२५८) चत्तारि पुरिसजाया पनत्ता तं जहा-धम्मं नाममेगे जहइ नो गणसंठितिं गणसंठिति नाममेगे जहइ नो धम्मं एगे गणसंठितिं पि जहइ धम्मं पि जहइ एगे नो गणसंठितिं जहइ नो धम्मं जहब 1901-10 (२५९) घत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा पियघम्मे नाममेगे नो दढधम्मे दढधम्मे नाममेगे नो पियथम्मे एगे पियधम्मे वि दढधम्मे वि एगे नो पियधम्मे नो ददधम्मे 1991-11 (२६०) चत्तारि आयरिया पत्रत्ता तं जहा पव्वावणायरिए नामभेगे तो उवद्वावणायरिए उवडावणायरिए नाममेगे नो पब्वावणायरिए एगे पव्यावणायरिए वि उवद्वावणायरिए वि एगे नो पव्यावणायरिए नो उवद्वावणायरिए - धम्मायरिए ।१२/- 12 ( २६१) चत्तारि आयरिया पत्रत्ता तं जहा उद्देसणायरिए नाममेगे नो वायणायरिए वायणायरिए नाममेगे नो उद्देसणायरिए एगे उद्देसणायरिए वि वायणायरिए वि एगे नो उद्देसणायरिए नो वायणायरिए-धम्मायरिए ।१३।-13 (२६२) चत्तारि अंतेवासी पन्नत्ता तं जहा पव्यावणंतेवासी नाममेगे नो उवद्वावणंतेवासी उवद्वावणंतेवासी नाममेगे नो पव्वावणंतेवासी एगे पव्वावणंतेवासी वि उवडावणंतेवासी वि एगे नो पव्वावणंतेवासी नो उवट्ठावणंतेवासी - धम्मंतेवासी । १४ - 14 (२६३) चत्तारि अंतेवासी पत्रता तं जहा उद्देसणंतेवासी नाममेगे नो वायणंतेवासी वायणंतेवासी नामभेगेनो उद्देसणंतेवासी एगे उद्देसणंतेवासी वि वायणंतेवासी वि एगे नो उद्देसणंतेवासी नो दायणंतेवासी धम्मंतेवासी ।१५/-14-R For Private And Personal Use Only
SR No.009764
Book TitleAgam 36 Vavahara Chheysutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages38
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 36, & agam_vyavahara
File Size1 MB
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