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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कप्पसियाणं - १/१ नमो नमो निम्मनसणस पंचम गणपर श्री सुधर्मास्वामिने नमोः २० कप्पवडिसियाणं नवमं उबंग पढम अझयणं-पउमं (१) जइ णं मंते समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं उबंगाणं पढमस्स वागस्स निरयावलियाणं अयपट्टे पन्नते दोच्चस्स णं भंते वागस्स कप्पवडिसियाणं समणेणं पगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कइ अग्झयणा पन्नत्ता एवं खलु जंवूसपणेणं मगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कप्पवडिसियाणं दस अन्झयणा पत्रत्ता तं जहा पउमे महापउमे भद्दे सुभद्दे पउमभद्दे पउमसेणे पउमगुप्पे नलिणिगुम्मे आनंदे नंदने जइणं मंते समणेणं मगयया महावीरेणं जाव संपत्तेणं कप्पयडिंसियाणं दस अज्झयणा पन्नत्ता पढमस्सणं मंतेअज्झयणस्स कप्पयडिसियाणंसमणेणं मगवया महावीरेणंजाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते एवं खलु जंबूतेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नयरी होत्था पुनमद्दे चेइए कूणिए राया पउमावईदेवी तत्थणं चंपाए नयरीए सेणियस्सरण्णो मा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्था-सूमाला तीसे गं कालीए देवीए पुत्ते काले नापं कुमारे होत्था सूमाले, तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई नापं देवी होत्था-सूमालपाणिपाया जाव विहरइ तए णं सा पउमावई देवी अन्नया कयाई तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अमितरओ सचित्तकम्मे जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा एवं जम्मणं जहा महाबलस्स जाय नामधेणं-जम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स कुमारस्स पुत्ते पउमादईए देवीए अत्तए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेनं पउमे-पउमे सेसं जहा महाबलस्स अट्ठओदाओजाव उप्पिंपासायवरगए विहाइसामी समोसरिए परिसा निग्गया कूणिए निग्गए पउमेवि जहा महबले निग्गए तहेव अम्मापिइआपुच्छणा जाय पव्वइए अणगारे जाएइरिवासमिए जाव गुतबंभयारी तएणं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एकूकारस अंगाई अहिजइ अहिलित्ता यहूर्हि चउत्पछट्टमंदिसम-दुवालसेहि मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहि अप्पाणं भावमाणे] विहरइ तए णं से पउमे अणगारे तेणं ओरालेणं जहा मेहो तहेव धम्मजागरिया चिंता एवं जहेव मेहो तहेव सपणं भगवं महावीरं आपुछित्ता विउलेजाव पाओवगए कालं अणवकंखमाणे विहरइ तए णं से पउने अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अंतइए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिनित्ता बहुपडिपुनाई पंच वासाई सामण्णपरियागं पाउणिता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता सटुिं मत्ताई अणसणाए छेदित्ता आणुपुब्बीए कालगए थेरा ओइण्णा भगवं गोयमे पुच्छइ सामी कहेइ जाव सर्द्धि मताई अणसणाए छेदित्ता For Private And Personal Use Only
SR No.009746
Book TitleAgam 20 Kappavadinsavanam Uvangsutt 09 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages14
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 20, & agam_kalpavatansika
File Size1 MB
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