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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन्नवणा-91-1-184 ॥६२1-58 ॥६३)-59 ६४||-60 ।।६५/0-61 ।।६६||-62 ||६७/63 ॥६८||-64 ॥६९||-65 ||७०11-66 (९८) जस्स पत्तस्स भग्गस्स समो मंगो पदीसई अनंतजीवे उसे पत्तेजे यावण्णे तहाविहा (९९) जस्स पुष्फस्स भग्गस्ससमो मंगो पदीसई अनंतजीवे उसे पुप्फे जे यावण्णे तहाविहा (१००) जस्स फलस्स मग्गस समो मंगो पदीसती अनंतजीवे फले से उजे यावण्णे तहाविहा (१०१) जस्स बीयस्स भग्गस्स समो मंगोपदीसई अनंतजीवे उसे बीएजे यायपणे तहाविहा (१०२) जस्त मूलस्स भग्गस्स हीरो मंगे पदीसई परितजीवे उसे मूले जे यावणेतहाविहा (१०३) जस्स कंदस्स भग्गस्स हीरो भंगे पदीसई परित्तजीवे उसे कंदे जे यायपणे तहाविहा (१०४) जस्स खंधस्स मागस्स हीरो भंगे पदीसई परित्तजीवे उसे खंधेजे यायपणे तहाविहा (१०५) जीसे तयार भग्गाए हीरो मंगे पदीसई परित्तजीया तपासा उजायावण्णा तहाविहा जस्स सालस्स मगास्स हीरोभंगे पदीसती परित्तजीवे उसे साले जे यावण्णेतहाविहा (१०७) जस्स पवालस्स मगास्स हीरो भंते पदीसति परित्तजीवे पवाले उजे यावण्णे तहाविहा (१०८) जस्स पत्तस्स भग्गस्स हीरो भंते पदीसति परित्तजीवे उसे पत्ते जे चावण्णे तहाविहा (१०९) जस्स पुष्फस्स मागस्स हीरो भंते पदीसति परित्तजीवे उसे पुप्फे जे यावण्णे तहाविहा (११०) जस्स फलस्स मागस हीरोभंगे पदीसति परितजीवे फले से उजे यावण्णे तहाविहा (१११) जस्स बीयस्स मगास्स हीरोभंगे पदीसति परित्तजीवे उसे बीएजेयावण्णेतहाविहा (११२) जस्स मूलस्स कट्ठाओछल्ली बहलतरी भवे अनंतजीवा उसाछल्ली जा यारण्णा तहाविहा (११३) जस्स कंदस्स कहाओ छल्ली बहलतरी भवे अनंतजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा (११४) जस्स खंधस्स कट्ठाओछल्ली बहलतरी भवे । अनंतजीवा उसा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा (११५) जीसे सालाए कट्ठाओछल्ली बहनतरी भवे अनंतजीवा उ सा छल्ली जा यावण्णा तहाविहा ७१||-67 ||७२/-68 ||७३।।-69 ।७४||-70 ॥७५||-71 ७६||-72 ॥७७-73 11७८1-74 ॥७९||-75 For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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