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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १८३ घय-३० रोवउत्ता से तेणट्टेणं गोयमा एवं युति - नेरइया सागारोवउत्ता वि अणागारोवउत्ता वि एवं जाव धणियकुमारा पुढविकाइयाणं पुच्छा गोयमा तहेव जाय जे णं पुढविकाइया मतिअण्णाणसुतअण्णाणवत्ता ते णं पुढचिकाइया सागारोवउत्ता जेणं पुढविकाइया अचक्खुदंसणोवउत्ता ते पुढविक्काइया अणागारोवउत्ता से तेणद्वेणं गोयमा एवं बुधति जाव वणप्फइकाइया, बेइंदियाणं अट्ठसहिया तव पुच्छा गोयमा जाव से णं बेइंदिया आभिणिबोहियनाण- सुतनाण-मति अण्णाणसुयअण्णाणोवउत्ता ते णं बेइंदिया सागरोवउत्ता जेणं बेइंदिया अचक्खुदंसणोवउत्ता ते णं वेइंदिया अणागारोवउत्ता से तेणद्वेणं गोयमा एवं बुच्चति एवं जाव चउरिदिया नवरं चक्खुदंसणं अमहियं चउरिंदियाणं पंचेदियतिरिक्खजोणिया जहा नेरइया मणूसा जहा जीवा वाणमंतरजोतिसियपाणिया जहा नेरइया । ३१३ -312 • एगुणतीसइमं पयं सपतं तीसइमं पासणयापयं (५७३) कतिविहा णं मंते पासणया पत्रत्ता गोयमा दुविहा पासणया पत्रत्ता तं जहासागारपासयणा अणागारपासणया सागारपासणया णं भंते छव्विहा पन्त्रता तं जहा सुयनाणसागारपासण्या ओहिनाणसागारपासणया मणपजवनाणसागारपासणया केवलनाणसागारपासयणया सुयअण्णाणसागारपासणया विभंगनाणसागारपासणया अणागारपासणया णं भंते तिविहा पत्रता तं जहा चक्खुदंसणअणागारपासणया ओहिदंसण अणागारपासणया केवलदंसणअणागारपासणया एवं जीवाणं पि, नेरइयाणं भंते पुच्छा गोयमा दुविहा पत्रत्ता तं जहा - सागारपासणया अणागारपासणया नेरड्याणं भंते सागारपासणया चउव्विहा पन्नत्ता तं जहा - सुतनाणसागारपासणया ओहिनाणसागारपासणया सुयअण्णाणसागारपासणया विभंगनाणसागारपासणया नेरइयाणं भंते अणागारपासणया दुविहा पन्नत्ता तं जहा चक्खुदंसण अणागारपासणया य ओहिदंसण अणागारपासणया य एवं जाव यणियकुमारा पुढविक्काइयाणं भंते कतिविहा पासणया पत्रत्ता गोयमा एगा सागारपासणया पुढविक्किाइयाणं भंते सागारपासणया कतिविहा पत्ता गोयमा एगा सुयअन्नाणसागारपासणया पत्रत्ता एवं जाव वणप्फइकाइयाणं बेइंदियाणं मंते एगा सागारपासणया पत्रत्ता बेइंदियाणं भंते सागारपासणया कतिविहा पत्रता गोयमा दुविहा सुतनाणसागा- रपासणया य सुयअण्णाणसागारपासणया य एवं तेइंदियाण वि चउरिंदियाणं पुच्छा गोयमा दुविहा पत्ता तं जहा - सागारपासणया य अणागारपासणया य सागारपासणया जहा इंदियाणं, चउरिदियाणं मंते अणागारपासणया कतिविहा पत्रत्ता गोयमा एगा चक्खुदंसणअणागारपासणया पन्नत्ता मणूसाणं जहा जीवाणं सेसा जहा नेरइया जाब वेमाणिया जीवाणं मंते किं सागारपस्सी अणागारपस्सी गोयमा जीवा सागारपस्सी वि अणागारपस्सी वि से केणणं भंते एवं बुच्चति० गोयमा जे णं जीवा सुयनाणी ओहिनाणी पणपञ्जवनाणी केवलनाणी सुवअण्णाणी विभंगनाणी ते णं जीवा सागारपस्सी जे णं जीवा चक्खुदंसणी ओहिंदंसणी केवलदंसणी ते णं जीवा अणागारपस्सी से तेणणं गोयमा एवं वुञ्चति - जीवा सागरपस्सी वि अणागारपस्सी वि नेरइया णं भंते किं सागारपरसी अणागारपस्सी गोयमा एवं चेव नवरंसागारपासणयाए मणपजवनाणी केवलनाणी न वृच्चंति अणागारपासणयाए केवलदंसणं नत्थि एवं For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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